फसल बेचने के बाद पेमेंट में देरी होने पर दिया जाएगा ब्याज
अभी किसानों को बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है, ऐसे में किसानों को राहत देने के लिए राज्य सरकारों के द्वारा किसान हित में कई निर्णय लिए जा रहे है। इसमें किसानों से चमक विहीन गेहूं की MSP पर खरीदी एवं किसानों को फसली ऋण के भुगतान की अवधि आगे बढ़ाना आदि शामिल है, इस कड़ी में अब हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों को फसल तुलाई के बाद भुगतान में देरी होने पर ब्याज की राशि देने का निर्णय लिया है।
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार ने करीब अढ़ाई साल पहले किसानों की खरीदी गई फसल का भुगतान सीधे उनके बैंक-खातों में भेजने की जो प्रक्रिया शुरू की थी उसको पूरे देश में सराहा गया। इस बार भी सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदी गई फसल की पेमेंट सीधा किसानों के खाते में 48 से 72 घंटे के अंदर कर दी जाएगी, अगर देरी होती है तो उनको 9 प्रतिशत ब्याज समेत भुगतान किया जाएगा।
MSP पर मंडियों में की जा रही है इन फसलों की खरीद
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद के लिए 408 मंडी, सरसों के लिए 102, दालों के लिए 11 और जौ के लिए 25 मंडियों को नामित किया गया है। अभी तक करीब 1.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में पहुंची है जिसमें से 18 हजार मीट्रिक टन की खरीद की गई है। पिछले वर्ष विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने 67 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की थी, हालांकि ओलावृष्टि से नुकसान तो हुआ है फिर भी इस बार भी इतनी ही खरीद होने की संभावना है, जबकि राज्य सरकार ने 76 लाख मीट्रिक टन की खरीद के लिए पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं।
सरकार ने की है गेहूं में चमक एवं नमी की मात्रा में छूट देने की माँग
मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में हुई बारिश व ओलावृष्टि से हुए नुकसान को देखते हुए उन्होंने केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री श्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा था जिसमें गेहूं की चमक व नमी की मात्रा में कुछ छूट देने का अनुरोध किया था। इसके बाद केंद्र सरकार की एक टीम सर्वे करके गई है और उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार उनकी मांग पर कुछ छूट प्रदान कर देगी।
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