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किसान मात्र 50 रुपये का पंजीयन शुल्क देकर करवा सकेंगे जैविक फसल का प्रमाणीकरण

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जैविक फसल का प्रमाणीकरण

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2019–20 में जीरो बजट खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया था | जीरो बजट का मतलब यह हुआ कि कृषि में लागत को कम से कम करना है | जैविक खेती करने से फसल उत्पादन की लागत कम होती है तथा जैविक तरीके से उपजाई जाने वाली फसल, मानव स्वास्थ और पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है | जैविक खेती में सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि किसान अपने उत्पदान को जैविक कैसे बताये ? इसके लिए जैविक फसल का प्रमाणीकरण जरुरी है | इसके साथ ही जैविक उत्पादन की जाँच के लिए प्रयोगशाला होना चाहिए जहाँ पर किसान कम मूल्य पर अपनी प्रोडक्ट को जाँच करवा सके |

बिहार कृषि विभाग द्वारा राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी (बसोका) के द्वारा जैविक प्रमाणपत्र दिया जाता है | इसके लिए किसानों को मामूली फ़ीस देकर जैविक प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं |

इसके लिए बिहार कृषि विभाग ने सहायक अनुदान देने हेतु योजना कार्यान्वयन के स्वीकृति एवं चालू वित्तीय वर्ष 2019–20 में राज्य योजना से 1017.11 लाख रूपये की योजना के कार्यान्वयन तथा 317.11 लाख रूपये एजेंसी को उपलब्ध राशि का उपयोग करने एवं इसके अधीन 700 लाख रूपये सहायक अनुदान की स्वीकृति प्रदान की गई है |

जैविक फसल का प्रमाणीकरण

इस योजना का कार्यान्वयन वर्ष 2019–20 में किया जायेगा | राज्य में उत्पादित बीज को अंतराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार के लिए मानक के अनुसार पहचान देने के लिए आर्गेनाइजेशन ऑफ़ इकोनोमिक कारपोरेशन एंड डेवलपमेंट के तहत प्रमाणीकरण हेतु देश की 10 एजेंसियों में से बिहार राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी को नामित प्राधिकार के रूप में भारत सरकार के द्वारा अधिसूचित किया गया है | इसको ध्यान में रखते हुए अंतराष्ट्रीय बीज जाँच एसोसिएशन के नॉर्म्स पर भी गुणवत्ता संबंधित प्रयोगशाला सहित अन्य सुविधाओं को भी सुनिश्चित किया जायेगा |

बिहार में जैविक बीज की क्या स्थिति है ?

बिहार कृषि विभाग के अनुसार राज्य में बीज एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी द्वारा वर्ष 2018–19 में 22,398 हेक्टेयर में बीज प्रमाणीकरण का कार्य किया गया है | कृषि रोड मैप 2017–22 के अनुसार राज्य में बीज की खपत को देखते हुए बीज उत्पादन के लिए प्रमाणीकरण का लक्ष्य बढ़ाकर 72,576 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है | इससे 10 लाख क्विंटल से अधिक प्रमाणिकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिससे 7,41,432 किवंटल बीज का उत्पादन होना संभावित है |इस प्रकार बिहार राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी को फसलों के निबंधन, निरिक्षण, नमुनाकरण एवं टैग से 3,12,81,480 रूपये आय होने का अनुमान है |

जैविक जाँच के लिए फ़ीस क्या है ?

बिहार राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी द्वारा निबंधन शुल्क प्रति आवेदन 50 रुपये, निरिक्षण शुल्क 350 रूपये प्रति हेक्टेयर तथा 4 रूपये प्रति टैग (3 टैग प्रति क्विंटल की आवश्यकता होती है) की दर से चार्ज किया जाता है | धान एवं मक्का के संकर प्रभेदों की अनुवांशिक शुद्धता की जाँच हेतु आवश्यक कदम उठाये जायेंगे |

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