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किसान इस तरह करें नैनो तरल यूरिया का उपयोग, फसलों की लागत में आएगी कमी और आय में होगी वृद्धि

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किसानों को नैनो तरल यूरिया के प्रयोग के लिए किया गया जागरूक

इफको के द्वारा तैयार किया गया नैनो तरल यूरिया के कमर्शियल इस्तेमाल करने वाला पहला देश भारत बन गया है। तरल यूरिया से जहां फसलों की लागत में कमी आती है वहीं किसानों की आय में भी वृद्धि होती है साथ ही देश की आयात पर निर्भरता भी कम होगी। इसके महत्व को देखते हुए सरकार इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक कर रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को इफको यूरिया के उपयोग से होने वाले लाभों की जानकारी के सम्बंध में जागरूक करने के लिए सहकारिता विभाग द्वारा 05 मई से 15 मई 2022 तक प्रदेश के सभी 823 विकासखंडों में गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें 50 हजार से अधिक किसानों ने भाग लिया।

आयोजित गोष्ठियों के सम्पन्न होने पर प्रदेश के सहकारिता राज्य मंत्री श्री राठौर ने कहा कि उन्नत स्वदेशी तकनीक से बनी नैनो यूरिया कृषि क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। किसान इसका उपयोग करके अपनी उपज बढ़ाने के साथ-साथ ज़मीन की उर्वरा शक्ति को लम्बे समय के लिए अच्छा बनाए रख सकते हैं। नैनो यूरिया नाइट्रोजन का स्त्रोत है तथा यह बहुत कम समय में पारम्परिक यूरिया का सशक्त विकल्प बनकर उभरा है।

किसान यहाँ से खरीद सकते हैं नैनो यूरिया

सहकारिता मंत्री ने कहा कि इफको नैनो यूरिया समस्त सहकारी बिक्री केंद्रों जैसे-पैक्स, क्रय-विक्रय सहकारी समितियाँ, केंद्रीय सहकारी उपभोक्ता भंडार के केंद्रों आदि पर उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि पारम्परिक यूरिया से सस्ती होने के कारण किसानों के पैसों की बचत होगी तथा उत्पदकता में वृद्धि होगी। यूरिया की 50 किलो की बोरी बाजार में 266.50 रुपए की है, जबकि नैनो यूरिया की एक बोतल 236 रुपए में ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में प्रदेश में यूरिया की माँग के सापेक्ष 25 प्रतिशत पारम्परिक यूरिया को नैनो यूरिया से रिप्लेस करने की योजना है।

किसान इस तरह करें फसलों में नैनो तरल यूरिया का प्रयोग

राज्य के सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक रजनीश प्रताप सिंह ने बाताया कि इसके उपयोग से पहले बोतल को अच्छी तरह से हिलाएँ। एक बोतल नैनो यूरिया को 100-125 लीटर पानी के ड्रम में मिला लें, फिर घोल का स्प्रे मशीन में भरकर फसल के ऊपर छिड़काव करें यदि ड्रम उपलब्ध नहीं हो तो 15 लीटर क्षमता की स्प्रे मशीन में नैनो यूरिया की बोतल के दो ढक्कन डाल दें। 15 लीटर स्प्रे मशीन में तैयार हो जाएगा और छिड़काव कर दें।

नैनो तरल यूरिया का पहला छिड़काव अंकुरण/रोपाई के 30-35 दिनों बाद, दूसरा छिड़काव फूल आने के पहले करना चाहिए। दलहनी फसलों में एक बार और शेष फसलों में छिड़काव दो बार करना होगा, लेकिन बोवाई के समय इसका उपयोग नहीं होता है। नैनो यूरिया को बच्चों और पालतू पशुओं से दूर तथा ठंडी और सुखी जगह पर रखना चाहिए।

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