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किसान तिलहनी फसलों में डीएपी की जगह एसएसपी का यूरिया के साथ करें छिड़काव

sarso me khad ka upyog

तिलहनी फसलों में खाद का उपयोग

खरीफ फसलों की कटाई के बाद कई क्षेत्रों में किसानों ने रबी फसलों की बुआई का कार्य शुरू कर दिया है | अच्छी उपज के लिए जरुरी है कि किसान सही मात्रा में खाद एवं बीज का उपयोग करें | ऐसे में राजस्थान के जयपुर जिले कृषि अधिकारियों ने तिलहनी फसलों में डाली जाने वाली खाद को लेकर किसानों को खास सलाह दी है ताकि किसानों को अच्छी पैदावार मिल सके | कृषि विभाग ने किसानों से सरसों एवं अन्य तिलहन फसलों में डीएपी के स्थान पर एसएसपी का यूरिया के साथ प्रयोग करने की सलाह दी है।

किसान तिलहनी फसलो में नाइट्रोजन व फास्फोरस पोषक तत्व की पूर्ति के लिए सामान्य तौर पर डीएपी एवं यूरिया उर्वरकों का प्रयोग करते हैं | जबकि तिलहनी फसलों में उत्पादन व उत्पाद गुणवत्ता में वृद्धि के लिए नाइट्रोजन व फास्फोरस के साथ-साथ गन्धक तत्व की भी आवश्यकता होती है | चूंकि एसएसपी में फास्फोरस के साथ गन्धक भी पाया जाता है, इसलिए कृषि अधिकारीयों ने किसानों से ऐसी अपील की है |

तिलहनी फसलों में एसएसपी खाद के छिड़काव से लाभ

तिलहनी फसलों में फास्फोरस का प्रयोग सिंगिल सुपर फास्फेट SSP के रूप में अधिक लाभदायक होता है। क्योंकि इससे सल्फर की उपलब्धता भी हो जाती है। यदि सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग न किया जाए तो गंधक की उपलबधता को सुनिश्चित करने के लिए गंधक का प्रयोग किसानों को अलग से करने की सलाह दी जाती है |

SSP यानी सिंगल सुपर फास्फेट को यूरिया के साथ प्रयोग करें तो तिलहनी फसलों में डीएपी से बेहतर होता है क्योंकि एसएसपी में नाईट्रोजन की उपलब्धता यूरिया से हो जाती है | साथ ही इसमें पहले से सल्फर, कैल्शियम मौजूद है जो कि डीएपी में नहीं है | तिलहनी फसलों में फास्फोरस का प्रयोग सिंगिल सुपर फास्फेट के रूप में अधिक लाभदायक होता है क्योंकि इससे सल्फर (गंधक) की उपलब्धता भी हो जाती है।

क्या होती है एसएसपी SSP खाद

SSP का पूरा नाम सिंगल सुपर फास्फेट है | इसमें फसलों के लिए आवश्यक मुख्य पोषक तत्व फास्फोरस, सल्फर और कैल्शियम मौजूद होते हैं | यह सख्त दानेदार, भूरा काला बादामी रंगों से युक्त तथा नाखूनों से आसानी से न टूटने वाला उर्वरक है। यह चूर्ण के रूप में भी उपलब्ध होता है। इस दानेदार उर्वरक की मिलावट बहुधा डी.ए.पी. व एन.पी.के. मिक्चर उर्वरकों के साथ किया जाता है |

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    • डीएपी के विकल्प के रूप में 3 बैग एसएसपी एवं 1 बैग यूरिया का प्रयोग किया जाता है, तो इससे भी कम मूल्य पर अधिक नाइट्रोजन एवं फॉस्फोरस तथा अतिरिक्त सल्फर प्राप्त किया जा सकता है। इससे 24 किलोग्राम फॉस्फोरस, 20 किलोग्राम नाइट्रोजन एवं 16 किलोग्राम सल्फर मिलता है।

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