Home किसान समाचार किसान कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेकर ही करें दवाओं का छिड़काव

किसान कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेकर ही करें दवाओं का छिड़काव

fasal me rasaynik dawa ka chhidkav

देश में हर वर्ष कीटरोगों से फसलों को काफी नुकसान होता है, ऐसे में किसान विभिन्न रासायनिक दवाओं के छिड़काव कर फसलों पर लगने वाले इन कीट रोगों का नियंत्रण करते हैं। पर कई बार गलत दवाओं के छिड़काव से या अधिक मात्रा से फसल को भी नुकसान हो जाता है। किसानों को होने वाले इस नुकसान से बचाने एवं किसानों को जागरूक करने के लिए समयसमय पर कृषि विभाग द्वारा किसान संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है।

इस कड़ी में हरियाणा के भिवानी में फसल अवशेष प्रबंधन और कपास की फसल को गुलाबी सुंडी से बचाने को लेकर किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक डॉ.नरहरि बांगड़ ने कहा कि किसान फसलों में आने वाली किसी भी प्रकार की बीमारी की रोकथाम के लिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह लेकर ही दवाई का छिडक़ाव करें।

किसान फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाएँ

महानिदेशक डॉ. बांगड़ ने मंगलवार को भिवानी में फसल अवशेष प्रबंधन और कपास की फसल को गुलाबी सुंडी से बचाने को लेकर आयोजित किसान संगोष्ठी को संबोधित किया। उन्होंने किसानों से कहा कि वे मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए फसल अवशषों को खेत की मिट्टी में ही मिलाएंइसके लिए विभाग द्वारा अनुदान पर कृषि यंत्र प्रदान किए जाते हैं।

उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों में अनेक प्रकार के पोषक तत्व होते हैंजो मिट्टी  की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाते हैं। उन्होंने किसानों से कहा कि वे किसी भी कीमत पर फसल अवशेष न जलाएंइससे मित्र कीट जलने के साथसाथ धरती मां का आंचल भी जलता है। वहीं दूसरी ओर पर्यावरण प्रदुषित होता है। भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती है।

कपास को गुलाबी सुंडी के प्रकोप से बचाने के लिए क्या करें?

डॉ. बांगड़ ने कहा कि कपास की फसल में गुलाबी सुंडी का प्रकोप सामने आ रहा हैऐसे में यदि कपास के फूलटिंडा पर गुलाबी सुंडी दिखाई दे तो उसको तुरंत प्रभाव से नष्ट करें ताकि वह अधिक न फैले। उन्होंने किसानों को परंपरागत खेती की बजाय आधुनिक खेती में फलफूलसब्जी उत्पादन व बागवानी पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए बीज से लेकर बाजार तक रास्ता सुगम किया है।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि फसलों को बीमारियों से बचाव के लिए कृषि विभाग द्वारा भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। फसलों को गुलाबी सुंडी या अन्य किसी प्रकार की बीमारी से बचाव के लिए किसानों को जागरूक होना जरूरी है। उन्होंने किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन करने व सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने किसानों से सीधा संवाद भी किया और किसानों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version