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कृषि उन्नति मेले में किसानों को प्रशिक्षण के साथ ही मिली कई जानकारियाँ

krishi mela 2024 jharkhand

किसान समागम कृषि उन्नति मेला 2024

देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार कृषि की नई तकनीकों के विकास पर ज़ोर दे रही है। इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ ही नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर कृषि मेला सह प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। इस क्रम में 1 जनवरी 2024 के दिन झारखंड के गोंडपुर मैदान, खरसावां में विकसित गांव-विकसित भारत थीम पर किसान समागम कृषि मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

झारखंड के राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन की अध्यक्षता और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा के मुख्य आतिथ्य में इस कृषि मेले का आयोजन हुआ। मेले में किसानों को खेती-किसानी की नई तकनीकों को देखने और सीखने का मौका मिला। मेले में 150 से अधिक स्टाल लगाए गए थे जहां किसानों को कृषि यंत्र, उन्नत बीज, शहद उत्पादन, पशुपालन, मछली पालन, ड्रोन के उपयोग सहित कई जानकारी हासिल की।

बहुफसली खेती को अपनायें किसान

इस अवसर पर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से आग्रह किया कि सिर्फ एक फसल लेकर अपने खेतों को खाली नहीं रखें, बल्कि बहुफसली प्रणाली अपनाकर आय बढ़ाते हुए देश के विकास में योगदान दें। केंद्र ने खेतों की मिट्टी की जांच करने की सुविधा मुहैया कराई है, जिसका किसान लाभ उठाएं, इसमें विभाग पूर्णतः सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि किसान हित में श्री अन्न को बढ़ावा देने के लिए केंद्र के प्रयास जोरों पर है। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने मेले में लगे स्टालों का जायज़ा लिया साथ ही उन्होंने किसानों ड्रोन तकनीक अपनाने का आग्रह भी किसानों से किया।

किसानों को प्रशिक्षण सहित दी गई यह जानकारी

कृषि मेले में राज्यपाल व केंद्रीय मंत्री ने प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया। मेले150 से अधिक स्टॉल लगाए गए थे, जहां बड़ी संख्या में किसानों ने जानकारी लेकर लाभ प्राप्त किया। किसानों के लिए केंद्र की योजनाओं का लघु फिल्म द्वारा प्रचार-प्रसार किया गया। किसानों को इफको द्वारा नैनो यूरिया किट, एचआईएल द्वारा सुरक्षा किट व पौधों का वितरण किया गया।

चारा बीज उत्पादन पर प्रशिक्षण के साथ कृषि अवसंरचना कोष, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्राकृतिक खेती, ड्रोन का उपयोग, कृषि को उद्यम के रूप में विकसित करने, नैनो यूरिया सहित पीपीवीएफआरए गतिविधियों व अन्य योजनाओं के बारे में जागरूकता का प्रसार किया गया। माध्यमिक कृषि, मुर्गीपालन, एकीकृत कृषि प्रणाली आदि से अवगत कराया गया। मेले में सांसद श्री संजय सेठ व श्री बिद्युत बरन महतो सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिक, वरिष्ठ अधिकारी आदि उपस्थित थे।

कृषि उन्नति मेले में राष्‍ट्रीय मधुमक्‍खी बोर्ड (NBB) द्वारा किसानों को मधुमक्खी पालन की जानकारी दी गई एवं इसके व्यवसाय के लाभ बताए गए।

मेले में यह संस्थान भी रहे उपस्थित

कृषि मेले में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की विभिन्न संस्थाओं, राष्ट्रीय बीज निगम, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, इफको, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, अटारी (पटना), कृषि विज्ञान केंद्रों, नेफेड, नाबार्ड व राज्य की विभिन्न संस्थाओं ने भी हिस्सा लिया। इन संस्थानों द्वारा किसानों को खेती-किसानी से जुड़ी विभिन्न जानकारियाँ दी गई। बता दें कि मेले में हजारों किसान शामिल हुए।

 

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