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किसान बीज बुआई से पहले बीज शोधन एवं बीज उपचार कर कम लागत में पायें अधिक उत्पादन

beej shodhan kar karen buaai se pahle fasal ke rog ka niyantran

बीज शोधन और बीज उपचार से पायें कम लागत में अधिक उत्पादन

रबी फसल की बुआई का समय शुरू हो चूका है, कई जगह किसान बुआई कर चुके हैं परन्तु अभी भी कई जगह बुआई का काम बाकी है | किसान को बुआई के लिए अच्छे बीज खरीदना होता है कई किसान उन्नत किस्म के प्रमाणित बीज खरीदकर बुआई करते हैं जबकि कई किसान पहले से जिनकी खेती कर रहे हैं वही बीज बचाकर रखते हैं और उन्हें ही इस वर्ष बुआई के लिए उपयोग करते हैं | कई बार किसान वहीँ किसी नजदीकी किसान से यह बीज लेकर बो देते हैं बिना यह जाने की उन बीजों की खासियत क्या है |  कुछ कार्य ऐसे होते हैं जिसको कर किसान भाई बीज बुआई से पूर्व ही फसल में लगने वाले कई रोगों को नियंत्रित कर सकते हैं | आज की इस पोस्ट में किसान समाधान आपके लिए इसकी जानकारी लेकर आया है |

किसानों के पास जमीन की मात्रा निश्चित है उसे निर्धारित क्षेत्र में ही खेती कर अपनी आय बढानी होती है इसके लिए जरुरी है की वह निश्चित क्षेत्र में अधिक उत्पादन ले तभी वह अपनी आय बढ़ा सकता है साथ ही लागत भी कम करनी होगी | इसके लिए किसान को बुआई से पहले ही ऐसे काम कर लेना चाहिए जिससे उसकी फसल की कुल लागत कम हो जाए वहीँ उत्पादन भी अधिक प्राप्त हो | इसके लिए किसान यह कार्य करें:-

बीज शोधन द्वारा फसल की रक्षा

फसल सुरक्षा के लिए सबसे सस्ता एवं कारगर व् प्रारंभिक उपचार है | बीज शोधन कर बुवाई करने से बीजों का अंकुरण व फसल की बढ़वार अच्छी होने के साथ-साथ उसमें बेमारी लगने के एक तिहाई अवसर घाट जाते हैं | एससी स्थिति में किसानों को बुआई से पहले बीज शोधन कर ही बुआई करना चाहिए

दलहनी फसलों में लगने वाले उकठा एवं अन्य बिमारियों के नियंत्रण के लिए ट्राईकोड्रामा (जैविक फफूंदी नाशक) की 4 से 5 ग्राम मात्रा 01 किलोग्राम बीज को शोधित करने के लिए करनी चाहिए |

गेहूं, जो एवं तिलहनी फसलों के बीजों का शोधन करने हेतु थीरम की 2.5 ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम बीज की दर से तथा गेहूं व् जो में लगने वाले कंडुआ बीमारी के नियंत्रण हेतु कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत की 2 ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम बीज शोधन हेतु प्रयोग करना बीमारी नियंत्रण हेतु कारगर होता है |

गेहूं का बीज शोधन इस तरह भी कर सकते हैं

बीज शोधन एजोटोबेकटर्स या एजोस्पाईरिलम से बीजों का उपचार कर सकते हैं। गुड़ का एक लीटर का घोल बनाकर उसमें 150 ग्राम के 5 पैकेट एजोटोबेकटर्स या एजोस्पाईरिलम को अच्छी तरह मिला लें। 80-100 कि.ग्रा. बीजों पर छिड़कें। कम मात्रा में बीजों को लें जिससे अच्छी तरह मिल जाए।

गेहूं का बीज उपचार कैसे करें ?

  • 3 ग्राम थाईरम या एग्रोसन जी.एन. या कैपटन या विटावेक्स प्रति किलो बीज से उपचार किया जा सकता है।
  • बीज को फंफूदनाशक के साथ अच्छी तरह मिला लें ।
  • बीज उपचारित करने के बाद उन्हें छाया में रख दें जिससे फफूदनाशक का असर रहे।
  • अगर उपचारित बीज का उपयोग कर रहे हो, तो उन्हें उपचारित न करें।
  • बोनी के लिए प्रमाणित बीजों का ही उपयोग करना चाहिए जो कि प्राय:उपचारित रहते हैं।

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