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बुआई से लेकर कटाई तक फसल नुकसान की भरपाई के लिए किसान करवाएं फसलों का बीमा: केंद्रीय कृषि मंत्री

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फसल नुकसान की भरपाई के लिए फसलों का बीमा

Crops Insurance

देश में खरीफ फसलों की बुआई का कार्य तेजी से चल रहा है, इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले  बुवाई क्षेत्र में 21.20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में यह जरुरी है की किसान अपनी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा अवश्य करवाएं | प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फसल की बुआई से लेकर कटाई के बाद तक की पूरे फसल चक्र से जुड़ी गतिविधियों के दौरान फसल के नुकसान के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करती है।

किसानों को किसी भी अप्रत्याशित आपदा के कारण बुवाई मे आने वाली परेशानी से बचाव के लिए जल्द से जल्द योजना में नामांकन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना के तहत, सूखा, बाढ़, भूस्खलन, बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, प्राकृतिक आग और खड़ी फसल के लिए चक्रवात के साथ-साथ ओलावृष्टि से बचाव के लिए व्‍यापक जोखिम कवर की व्‍यवस्‍था है।

फसल बीमा योजना में किसानों का नामांकन बड़े पैमाने पर हो रहा है

देश के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में खरीफ-2020 सीजन के लिए प्रधानमंत्री फासल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत किसानों का नामांकन बड़े पैमाने पर हो रहा है। किसानों को प्रेात्‍साहित करने के लिए, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उनसे वीडियो संदेश के माध्यम से पीएमएफबीवाई के तहत नामांकन कराने की अपील की है और प्राकृतिक आपदाओं के परिणामस्वरूप फसल की क्षति से होने वाले वित्तीय नुकसान से खुद को बचाने का अनुरोध किया है। केन्‍द्रीय मंत्री का यह संदेश संदेश पीआईबी के यूट्यूब चैनल https://youtu.be/b9LooMrHdEk) पर देखा जा सकता है।

फसल बीमा योजना के तहत किसानों कितना प्रीमियम देना होगा ?

सरकार ने योजना को सभी किसानों के लिए खरीफ सीजन-2020 से स्वैच्छिक कर दिया है। इससे पहले, सभी ऋणदाता किसानों के लिए यह योजना अनिवार्य थी। अब, ऋण बकाया वाले किसान नामांकन की कट-ऑफ तारीख से सात दिन पहले अपनी बैंक शाखा को एक साधारण घोषणा पत्र देकर योजना से खुद को अलग कर सकते हैं।

भारत सरकार ने उन सभी किसानों के लिए नामांकन निःशुल्क कर दिया है जिन्हें केवल प्रीमियम राशि का भुगतान करने की आवश्यकता है। किसान खरीफ-2020 सीजन के लिए अपनी खाद्य फसलों (अनाज और तिलहन) का महज 2 प्रतिशत की बीमित राशि पर तथा वाणिज्यिक और बागवानी फसलों का न्यूनतम 5 प्रतिशत की बीमित राशि पर बीमा करा सकते हैं। बाकी की प्रीमियम राशि पर केंद्र सरकार और राज्यों द्वारा सब्सिडी दी जाएगी। कुछ राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में खरीफ 2020 मौसम में फसल बीमा कराने की अंतिम 31 जुलाई 2020 तक समाप्त हो सकती है।

किसान कहाँ से करवाएं फसल बीमा योजना में पंजीकरण

जो भी किसान जो पीएमएफबीवाई के तहत नामांकान करना चाहता है, उसे अपने नजदीकी बैंक, प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) / ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई), कृषि विभाग के कार्यालय, बीमा कंपनी के प्रतिनिधि या सीधे राष्ट्रीय फसल योजना एनसीआईपी के पोर्टल www.pmfby.gov.in और फसला बीमा ऐप (https://play.google.com/store/apps/details?id=in.farmguide.farmerapp.central के माध्यम से ऑनलाइन  कर सकता है ।

पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज

नामांकन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए किसानों को आधार संख्या, बैंक पासबुक, भूमि रिकॉर्ड / किरायेदारी समझौते, और स्व-घोषणा प्रमाण पत्र ले जाना होगा। इस सीजन में, योजना के तहत नामांकित सभी किसानों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर नियमित एसएमएस के माध्यम से उनके आवेदन की स्थिति के बारे में सूचित किया जाएगा।

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    • सोयाबीन की खेती कर सकते हैं, अधिक जानकरी के लिए जिला किशी विज्ञानं केंद्र या कृषि विश्वविद्यालय भोपाल में करोंद के पास है वहां सम्पर्क करें |

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