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राजस्थान में ऋण माफ़ी योजना लागू

प्रतीकात्मक चित्र

राजस्थान में ऋण माफ़ी योजना लागू हो गई है  प्रदेश के सहकारी बैंकों से जुड़े अल्पकालीन फसली ऋण लेने वाले 28 लाख से अधिक किसानों के 50 हजार रुपये तक के ऋण की माफी योजना लागू कर दी गई है।  सहकारी बैंकों द्वारा कैम्प आयोजित कर ऋणमाफी प्रमाण पत्र वितरित किये जायेंगे।

लघु एवं सीमान्त किसानों का 50 हजार तक का कर्जा माफ

योजना में सहकारी बैंकों के लघु एवं सीमान्त कृषकों की 30 सितम्बर, 2017 को अवधिपार ऋण पर समस्त शास्तियां एवं ब्याज माफ किये गये हैं तथालघु एवं सीमान्त कृषकों के 30 सितम्बर, 2017 तक बकाया अल्पकालीन फसली ऋण में से 50 हजार रुपये तक के कर्जे एक बारीय माफ किये गये हैं।

सहकारी बैंकों के अल्पकालीन फसली ऋण से जुड़े सीमान्त कृषक 1 हैक्टेयर, लघु कृषक 1 हैक्टेयर से अधिक परन्तु 2 हैक्टयर तक एवं अन्य किसान 2 हैक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करने वाले योजना में पात्र माने गये हैं। इनमें खेती करने वाले भूमि मालिक के साथ-साथ भाड़े या बटाई पर काश्त करने वाले किसान भी शामिल हैं।

अन्य किसानों का 50 हजार तक का कर्जा अनुपात में माफ

लघु एवं सीमान्त किसानों के अलावा अन्य किसानों के भी 30 सितम्बर, 2017 को बकाया अल्पकालीन फसली ऋण लघु काश्तकारों की जोत के अनुपात मे 50 हजार रुपये तक के कर्जे माफ किये हैं। योजना का लाभ जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक से जुड़े संबंधित किसानों को दिया गया है।

किसानों को मिलेंगे ऋण माफी के प्रमाण पत्र

ऋण माफी वाले वाले संबंधित किसान को उसके नाम से ऋण माफी प्रमाण पत्र जारी होंगे। ऋण माफी प्रमाण पत्र के आधार पर किसान पुनः साख सीमा प्राप्त करने का हकदार होगा। शीघ्र ही ऋण माफी के कैम्प आयोजित किये जायेंगे और इसकी कार्ययोजना को अन्तिम रूप दिया जा रहा है।

कृषकों की जारी होगी सूची

ऋण माफी वाले लघु, सीमान्त एवं अन्य कृषकों की सूची प्रकाशित की जायेगी। किसान ई-मित्र केन्द्र पर रुपे कार्ड आधारकार्ड भामाशाह नम्बर के आधार पर अपनी ऋण एवं ऋण माफी राशि का सत्यापन कर सकेगा। उन्होंने बताया कि बैंकों द्वारा तैयार की गई सूचियों में किसी प्रकार की त्रुटि न रहे इसके लिये इनका जिला स्तरीय कमेटी द्वारा परीक्षण किया जायेगा।

परिवेदना कमेटी सुनेगी किसानों को

किसानों की ऋण माफी के विवरण की सत्यता एवं विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने के लिये जिला कलक्टर या उसके द्वारा मनोनीत प्रतिनिधि की अध्यक्षता में एक परिवेदना कमेटी का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि कोई भी किसान ऋण माफी के लिये तैयार की गई सूची में नाम नहीं होने, उसके पक्ष में मंजूर की गई ऋण माफी की गणना से असंतुष्ट होने पर किसान संबंधित बैंक की शाखा के माध्यम से अपनी परिवेदना प्रस्तुत कर सकेगा। परिवेदना कमेटी परिवेदना का निपटारा 30 दिवस की अवधि में करेगी।

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राज्य स्तरीय अनुप्रवर्तन समिति करेगी योजना क्रियान्वयन

सहकारिता मंत्री ने बताया कि योजना के क्रियान्वयन के अनुप्रवर्तन के लिये अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय समिति होगी। जिनमें अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व), प्रमुख शासन सचिव (सहकारिता), प्रमुख शासन सचिव (आयोजना/आई.टी.), रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, मुख्य अंकेक्षक सहकारी समितियां, प्रबन्ध निदेशक अपेक्स बैंक, प्रबंध निदेशक एसएलडीबी समिति के सदस्य एवं अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) सहकारी समितियां सदस्य सचिव होंगे।

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