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देश के 50.2 प्रतिशत किसानों पर कर्ज का बोझ, प्रत्येक किसान परिवार पर है 74121 रुपये का कर्ज: NSO रिपोर्ट

देश के कृषक परिवारों की स्थिति और भूमि: NSO रिपोर्ट

देश में अभी कई किसान संगठन तीन कृषि कानूनों के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं वही मोदी सरकार वर्ष 2022 तक किसानों कि आमदनी दुगना करने की बात कह रही है | इस बीच NSO के रिपोर्ट सामने आई है जिसमें देश में किसानों की स्थिति को बताया गया है | रिपोर्ट के अनुसार कृषक परिवारों की आमदनी 2012-13 के 6426 के मुकाबले 2018-19 में बढ़कर 10,218 रुपये हो गई है वहीँ किसानों पर कर्ज भी लगातार बढ़ता चला जा रहा है | इतना ही नहीं प्रति परिवार किसानों की भूमि में भी कमी आई है | जिससे किसानों की निर्भरता कृषि पर कम हो रही है |

भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के द्वारा जारी रिपर्ट में चौकाने वाली खबर आई है | दरअसल NSO ने “ग्रामीण भारत के कृषक परिवारों की स्थिति और परिवारों की भूमि एवं पशुधन धृतियों पर मुल्यांकन 2019” रिपोर्ट जारी की है | यह रिपोर्ट जनवरी 2019 से दिसम्बर 2019 के बीच सर्वे सेंपल के आधार पर जारी की गई है |

किसान परिवार पर औसतन 74,121 रुपये का कर्ज

रिपोर्ट के अनुसार देश भर में किसान परिवारों के ऊपर 74,121 रूपये का औसतन कर्ज है | देश के कुल किसानों में से 50.2 प्रतिशत किसानों ने यह कर्ज लिया है | किसानों ने यह ऋण बैंक, सरकारी समिति, सरकार तथा अन्य स्रोतों से लिया है | किसान ने बैंक, सहकारी समिति एवं सरकार के द्वारा 69.6 प्रतिशत का कर्ज लिया है, जबकि 20.5 प्रतिशत कर्ज कृषि/वृत्तिक कर्ज देने वाले से था | किसानों के द्वारा लिए गये कर्ज में से 57.5 प्रतिशत कर्ज कृषि कार्यों के लिए लिया गया है |

avg amount of loan on farmer

कितनी है एक किसान परिवार की प्रतिमाह आमदनी

एक किसान परिवार की (कृषि, पशुपालन, मजदुर, भूमि पट्टे से आमदनी, गैर कृषि कार्य से आमदनी) औसतन आमदनी 10,218 रुपये मासिक है | देश में फसल उत्पादक किसानों की संख्या सबसे जायदा है | इनकी औसतन आमदनी 3,798 रुपये प्रति महिना है | यह आय किसानों की कुल आय के 37.2 प्रतिशत है | जबकि पशुपालन से किसानों कि आमदनी 1,582 रुपये प्रति माह है | किसानों की पशुपालन से होने वाली आमदनी किसानों की कुल आमदनी का 15.5 प्रतिशत है |

दूसरी तरफ किसान मजदुर गैर कृषि कार्यों से 641 रुपये प्रति माह कमाते हैं | यह आमदनी किसानों की कुल आमदनी का 6.3 प्रतिशत है | जबकि मजदूरी से होने वाली आय 4,063 रुपये है | किसानों की मजदूरी से होने वाली आय कृषि कार्यों से होने वाली आय से कहीं ज्यादा है | मजदूरी से 39.8 प्रतिशत की आमदनी होती है | किसान अपने भूमि को पट्टे पर देकर 134 रुपये मासिक आय प्राप्त करता है, जो किसानों की कुल आमदनी का 1.3 प्रतिशत है |

कितने किसान परिवारों पर किया गया यह सर्वे

दरअसल सांख्यिकी विभाग के द्वारा 1 लाख 14 हजार 929 ग्रामीण परिवारों पर दो चरणों में सर्वेक्षण किया गया | दोनों चरणों को मिलाकर कुल 11,834 ईकाइयां सर्वेक्षित की गई है | सर्वेक्षण के अनुसार देश भर में कुल 93.0 मिलियन कृषक परिवार है, जो कुल ग्रामीण परिवारों का 54.0 प्रतिशत है | जबकि गैर कृषक परिवारों कि संख्या 79.3 मिलयन है, जो कुल ग्रामीण परिवारों कि संख्या का 46.0 प्रतिशत है |

समय के साथ किसानों की भूमि भी प्रति परिवार कम हो रही है | वर्ष 2015–16 के एग्रीकल्चर सेंसस की रिपोर्ट के अनुसार देश भर में किसान परिवार की औसतन भूमि 1.1 हेक्टेयर थी जो घट कर अब 0.876 हेक्टेयर रह गयी है | यह संख्या ग्रामीण क्षेत्र के कुल परिवारों की संख्या का 70.4 प्रतिशत है | जबकि केवल ग्रामीण परिवार का प्रति परिवार के औसतन क्षेत्र पर स्वामित्व 0.512 हेक्टेयर रह गया है | दूसरी तरफ बड़े जोत वाले किसानों की संख्या में भी भारी कमी हो रही है | देश में 10 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले किसानों कि संख्या मात्र 0.4 प्रतिशत है |

किसानों परिवारों की कम होती भूमि तथा कृषि में हो रहे घाटे से बढ़ते हुए कर्ज के बीच वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी कैसे होगी | एक तरफ किसान बढ़े हुए कर्ज से आत्महत्या कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकार का दावा है कि वर्ष 2022 तक किसानों कि आमदनी दुगना कर देंगे |

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