Home किसान समाचार कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को दिए जाएंगे करोड़ों रुपए के पुरस्कार

कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को दिए जाएंगे करोड़ों रुपए के पुरस्कार

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स्टार्टअप के लिए पुरस्कार की घोषणा

दुनियाभर में लोगों को पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराने के लिए मोटे अनाज को बढ़ावा दिया जा रहा है, मोटे अनाज से दुनिया भर में लोगों की खाद्यान्न की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। मोटे अनाज की उपलब्धता को बढ़ाने एवं लोगों को जागरूक करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष घोषित किया है, जिसका नेतृत्व भारत द्वारा किया जाएगा। इसको लेकर देश में मोटे अनाज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा कई नई योजनाओं की शुरुआत की गई है।

इस कड़ी में कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, रायचूर व नाबार्ड ने कृषि एवं सम्बद्ध विभागों के सहयोग से दो दिनी मिलेट कॉन्क्लेव आयोजित किया गया है। इसमें पोषक-अनाज उत्पादन एवं मूल्यवर्धन से संबंधित मुद्दों पर किसानों, एफपीओ, उद्यमियों, कृषि-स्टार्टअप, निवेशकों, निर्यातकों, कृषि वैज्ञानिकों, नाबार्ड एवं लीड बैंक तथा विकास विभागों के साथ चर्चा की गई। इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने मिलेट इनोवेशन चैलेंज में एग्री स्टार्टअप को प्रोत्साहन स्वरूप एक-एक करोड़ रुपये के तीन प्रथम पुरस्कारों सहित अनेक पुरस्कारों की घोषणा की गई है।

मिलेट को प्रोत्साहन से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

इस अवसर पर वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने कहा कि आज दुनिया में मिलेट का प्रमुख उत्पादक देश भारत हैं, जिसमें कनार्टक का प्रमुख योगदान है। मिलेट का उत्पादन किसानों के लिए लाभकारी है। इसमें पानी की जरूरत काफी कम होती है, पथरीली भूमि पर भी उत्पादन किया जा सकता है। मिलेट को प्रोत्साहन और बढ़ावा सिर्फ खाद्यान्न की जरूरतें ही पूरी नहीं करेगा, बल्कि नए स्टार्टअप को इसके प्रोडक्ट्स दुनिया के सामने लाने का मौका मिलेगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, विशेषकर महिलाओं को मिलेट उत्पादन से प्रोसेसिंग तक के काम में जोड़ा जा सकता है। 

स्टार्टअप को दिए जाएँगे करोड़ों रुपए के पुरस्कार

वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने मिलेट इनोवेशन चैलेंज के तहत अच्छा काम करने वाले एग्री स्टार्टअप को एक-एक करोड़ रुपए के तीन पुरस्कार देने की घोषणा की, साथ ही 15 एग्री स्टार्टअप को 20-20 लाख रुपए तथा अन्य 15 एग्री स्टार्टअप को 10-10 लाख रुपए के पुरस्कार देने की घोषण इस अवसर पर की। साथ ही उन्होंने कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, रायचूर को मिलेट रिसर्च के लिए नाबार्ड से 25 करोड़ रुपए दिए जाने का भी ऐलान किया। 

मोटे अनाज के उत्पादन पर किसानों को दिया जा रहा है अनुदान Subsidy

कर्नाटक राज्य में पोषक-अनाज क्षेत्र बढ़ाने के लिए राहा सिरी योजना लांच कर मिलेट क्षेत्र के विस्तार की योजनाएं बनाकर किसान को डीबीटी से 10 हजार रु. का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। बाजरा प्रसंस्करण मशीनरी की स्थापना के लिए राज्य सरकार 10 लाख रुपए (50% सब्सिडी) तक सहायता प्रदान करके मिलेट के प्रसंस्करण को बढ़ावा दे रही है।

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