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देश के पहले गिलोय प्रोसेसिंग एवं रिसर्च सेंटर हुआ शुरू, गिलोय विलेज की स्थापना के साथ ही किसानों से खरीदे जाएँगे पौधे

Giloy Processing & Research Center

गिलोय प्रोसेसिंग एवं रिसर्च सेंटर

देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए फलफूल, मसालों के साथ ही औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को इन फसलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है जिनके तहत किसानों को अनुदान सहित अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही है। इस कड़ी में राँची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय BAU में गिलोय प्रोसेसिंग एवं रिसर्च सेंटर की शुरुआत की गई है। बीएयू के वानिकी संकाय में देश के पहले गिलोय प्रोसेसिंग एवं रिसर्च सेंटर का फीता काटकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सोमवार 26 जून को उद्घाटन किया।

राज्यपाल ने इस नव स्थापित केंद्र का बारीकी से अवलोकन किया। केंद्र में स्थापित गिलोय प्रसंस्करण की विभिन्न मशीन को स्वयं चलाकर देखा तथा आधुनिक प्रयोगशाला में मौजूद संसाधन एवं सुविधा की विस्तृत जानकारी ली। इस अवसर पर झारखंड के कृषि मंत्री बादल एवं कांके विधायक समरीलाल की भी गरिमामयी मौजूदगी रही।

प्रोसेसिंग केंद्र पर बनाई जाएगी गिलोय की दवा

इस अवसर पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने केंद्र की स्थापना को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का अद्वितीय उपलब्धि बताया और ख़ुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ करोड़ की लागत से केंद्र प्रायोजितआरकेवीआईपरियोजना के अधीन स्थापित इस केंद्र से विद्यार्थियों एवं वैज्ञानिकों को बेहतर शोध अध्ययन का अवसर मिलेगा। गिलोय पौध के प्रसंस्करण से तैयार गिलोय सत्व का आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में उपयोग होगा। उन्होंने बीएयू को लाइसेंस लेकर टेबलेट एवं कैप्सूल का निर्माण करने का परामर्श दिया और कुलपति डॉ ओंकार नाथ एवं प्रभारी डॉ कौशल कुमार के प्रयासों की सराहना की।

16 जिलों में बनाए जाएँगे गिलोय विलेज

कृषि मंत्री बादल ने इसे बीएयू का इतिहासिक उपलब्धि बताया। कहा कि राज्य के 16 जिलों के एकएक गांव में गिलोय विलेज की स्थापना की जाएगी। चयनित गांवों के किसानों को दो लाख गिलोय के पौधे का वितरण एवं अन्य उपादानों के वितरण से राज्य में गिलोय की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।

कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने बताया कि किसानों द्वारा उत्पादित गिलोय पौध को बीएयू खरीदेगा और इसका प्रोसेसिंग एवं शोध कार्य सेंटर के माध्यम से होगा। इसकी मार्केटिंग के लिए हर्बल कंपनियों को जोड़ा जा रहा है। मौके पर कांके विधायक समरीलाल ने औषधिय क्षेत्र में बीएयु की लगातार उपलब्धियों की सराहना की।

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