Home किसान समाचार डेयरी उद्योग के विकास के लिए 10,881 करोड़ रुपये के अवसंरचना विकास...

डेयरी उद्योग के विकास के लिए 10,881 करोड़ रुपये के अवसंरचना विकास कोष की शुरुआत

डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत 3,31,314 डेयरी इकाइयों की स्थासपना की गई

डेयरी उद्योग के विकास के लिए 10,881 करोड़ रुपये के अवसंरचना विकास कोष की शुरुआत

डेयरी उद्योग के विकास के लिए केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने सिल्वर ओक, इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में डेयरी आधारभूत संरचना विकास निधि की शुरुआत की उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व पटल पर उस स्तर पर पहुंच गया है जहां दुग्ध व्यवसाय में वैश्विक स्तर पर उद्यमियों के लिए अनेक संभावनाएँ उभर कर सामने आ रही हैं।

इन्हें मूर्त रूप देने और डेयरी किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए तैयार राष्ट्र कार्य योजना (विजन -2024) के तहत कुल आवश्यकता 51,077 करोड़ रुपये है। इस लक्ष्य को पाने के लिये केंद्रीय बजट 2017-18 की घोषणा के परिणामस्वरूप पशुपालन डेयरी और मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार ने डेयरी प्रसंस्करण एवं अवसंरचना विकास कोष (डीआईडीएफ) की शुरुआत 10881 करोड़ रुपये के योजना परिव्यय के साथ की है जिसके तहत आज राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को 440 करोड़ रुपये की पहली किस्त दी जा रही है।

योजना की मुख्य बातें

इस योजना से 50 हजार गांवों में 95 लाख दूध उत्पादकों के लाभान्वित होंगें। इसके साथ ही अनेक कुशल, अर्धकुशल एवं अकुशल कर्मियों को परोक्ष या अपरोक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा। इस योजना के तहत प्रतिदिन 126 लाख लीटर की अतिरिक्त दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता, प्रतिदिन 210 टन दूध को सुखाने की क्षमता, 28000 ग्रामीण स्तर पर बल्क मिल्क कूलर की स्थापना से प्रतिदिन 140 लाख लीटर की दुग्ध अवशीतन क्षमता का सृजन किया जाएगा।

इस योजना के अंतर्गत दुग्ध सहकारी संस्थाओं को 8004 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता ऋण के रूप मे 6.5% वार्षिक ब्याज दर पर प्रदान की जाएगी जिसकी भरपाई 10 वर्ष की अवधि में करनी होगी। ऋण पर भारत सरकार ने ब्याज सब्सिडी का प्रावधान भी रखा है। अब तक 1148 करोड़ रुपये की कुल 15 परियोजनाएं स्वीकृत की हैं जिनमें कर्नाटक (776.39 करोड़ रुपये – 5 उप-परियोजनाएं), पंजाब (318.01 करोड़ रुपये – 4 उप-परियोजनाएं) और हरियाणा (54.21 करोड़ रुपये – 6 उप-परियोजनाएं) शामिल हैं।

विश्व बैंक पोषित राष्ट्रीय डेयरी प्लान चरण- 1 योजना का कार्यान्वयन भी एनडीडीबी (राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड) द्वारा राज्य सरकार के माध्यम से संबंधित राज्य के सहकारी दुग्ध संगठनों/दुग्ध फेडरेशन द्वारा किया जा रहा है। सरकार ने इस योजना का क्रियान्वयन 14 राज्यों से बढ़ाकर 18 राज्यों में कर दिया गया है।  उधर, राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) का कार्यान्वयन राज्य सरकार के माध्यम से संबंधित राज्य के सहकारी दुग्ध संगठनों/दुग्ध फेडरेशन द्वारा किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत 2014-18 के दौरान 560.46 करोड़ रुपये की सहायता सहकारी दुग्ध समितियों के विकास, उनके दुग्ध उत्पादक सदस्यों की संख्या बढ़ाने हेतु प्रोत्साहन एवं प्रसंस्करण एवं प्रशीतन क्षमता बढ़ाने के लिए दिए गए।

डेयरी विकास हेतु नाबार्ड द्वारा दी जाने वाली सहायता

Notice: JavaScript is required for this content.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version