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बारिश एवं कीट-रोग से हुए फसल नुकसान का सर्वे कर किसानों को जल्द ही दिया जायेगा मुआवजा

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कीट-रोग एवं बारिश से हुए फसल नुकसान का मुआवजा

इस वर्ष देश के अधिकांश हिस्सों में जहाँ जून माह में अच्छी बारिश के चलते फसलों के बुआई क्षेत्र में वृद्धि हुई है | वहीँ जुलाई माह में कई स्थानों में बारिश का आभाव रहने एवं अचानक तेज बारिश के चलते किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है | कई जिलों में इसके चलते सोयाबीन एवं अन्य फसलों पर कीट रोग लगने के चलते फसलों के नुकसान की भी सुचना है | मध्यप्रदेश के किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा है कि बारिश और कीट व्याधि से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार विभिन्न शासकीय योजनाओं के अंतर्गत अनुदान से करेगी।

किसानों को नियमानुसार दिया जायेगा फसल नुकसानी का मुआवजा

श्री कमल पटेल ने भोपाल जिले में बारिश और कीट से फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित फसलों का तत्काल सर्वे प्रारंभ कर किसानों को नियमानुसार हरसंभव मुआवजा दिलाया जाए। मंत्री श्री पटेल ने अफ़लित फसलों को हुई क्षति का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। प्रदेश सरकार किसानों के साथ है। सरकार किसानों को हुई क्षति का आंकलन कर मुआवजा राशि उपलब्ध करायेगी। फसलों की समुचित निगरानी के लिये राज्य स्तर पर भी कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम का दूरभाष क्रमांक- 0755-2558823 है।

सर्वे की एक प्रति किसानों को मिलेगी

मंत्री श्री पटेल ने ग्राम पंचायत तारा सेवनिया में आयोजित ग्राम चौपाल में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदा से फसलों को हुए नुकसान के सर्वे में पूर्ण पारदर्शिता रहेगी। उन्होंने कहा कि आरआई, पटवारी सर्वे कर पंच-सरपंच से रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करायेंगे। एक तरह से यह सर्वे का पंचनामा होगा। सर्वे रिपोर्ट की एक प्रतिलिपि संबंधित किसान को भी प्रदाय की जायेगी। अब किसानों को कहीं जाना नहीं पड़ेगा। गाँव में ही अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, आरआई और पटवारी सहित कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी फसलों का भौतिक सर्वे करेंगे। फसलों का आंकलन निष्पक्ष तरीके से होगा।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अंतिम तिथि बढाई गई

खरीफ वर्ष-2020 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आखरी तारीख वैसे तो 31 जुलाई थी परन्तु उसे बढ़ा कर मध्यप्रदेश राज्य में 18 अगस्त कर दिया गया था | जिसे अब आगे बढ़ा कर 31 अगस्त कर दिया गया है राज्य के जिन किसानों ने अभी तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पंजीकरण नहीं करवाया है वह अभी भी करवा सकते हैं |

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