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मुख्यमंत्री ने बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से मांगी 757 करोड़ रुपए की सहायता राशि

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बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सहायता राशि

इस वर्ष मानसून के सामान्य रहने के बाबजूद इसका वितरण असामान्य रहा जिसका असर सीधे किसानों पर पड़ा है | जहाँ इस वर्ष कई जिलों में अधिक वर्षा से बाढ़ तो कई जिलों में कम वर्षा से सूखा प्रभवित होने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है | राज्य सरकारों द्वारा बाढ़ एवं सूखे से हुए नुकसान का आंकलन कर प्रभावित किसानों को जल्द मुआवजा देने का कार्य किया जा रहा है | राजस्थान में हुए बाढ़ से नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से 757 करोड़ रुपये की सहायता राशि की मांग की है |

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2021 में मानसून के दौरान अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण फसलों, जान-माल और मकानों आदि को हुए नुकसान के प्रभावितों को राहत देने के लिए भारत सरकार से 757 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सहायता राशि की माँग की है। इसके लिए आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग की ओर से भेजे जाने वाले ज्ञापन का अनुमोदन कर दिया है।

अतिवृष्टि से 12 लाख से अधिक किसान हुए हैं प्रभावित

मानसून सीजन वर्ष 2021 में अत्यधिक बारिश से उत्पन्न बाढ़ आदि आपदाओं के कारण प्रदेश के 7 जिलों के 3704 गाँवों में 12.11 लाख काश्तकार प्रभावित हुए हैं। इस आपदा में फसलों के खराबे के अतिरिक्त मानव क्षति, पशुधन की हानि के साथ-साथ मकानों और सार्वजनिक परिसम्पत्तियों को भी नुकसान हुआ है। प्रभावित जिलों से प्राप्त गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर भारत सरकार से अतिरिक्त सहायता की माँग करते हुए ज्ञापन तैयार किया गया है।

फसल नुकसान की भरपाई के लिए मांगे गए 443 करोड़ रुपये

फसलों को हुए नुकसान के क्रम में सर्वाधिक लगभग 443 करोड़ रुपए की सहायता कृषि आदान अनुदान के लिए माँगी गई है। सड़कों, पुलों, भवनों आदि सार्वजनिक परिसंपत्तियों को हुए नुकसान के लिए लगभग 197 करोड़ रुपए, मकानों को हुई हानि के लिए लगभग 51 करोड़ रुपए, भूमि कटाव आदि के लिए 21 करोड़ रुपए और नहरों, सिंचाई तथा पेयजल परियोजनाओं की संरचनाओं की क्षति के लिए लगभग 35 करोड़ रुपए की माँग की गई है।

राज्य के 12 जिलों को किया जा चूका है सूखाग्रस्त घोषित

राजस्थान सरकार के द्वारा जारी सूचि के अनुसार राज्य के 12 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है | इन 12 जिलों के 69 तहसील के 744 गावों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है | इन जिलों में 33 प्रतिशत से अधिक फसल सूखे के कारण खराब हो गई है | राज्य के 12 जिलों के तहसीलों कि संख्या इस प्रकार है :- बाड़मेर की 16, जोधपुर एवं जैसलमेर की 9–9, बीकानेर एवं पाली की 6-6, अजमेर जिले की 4, डूंगरपुर की 3, सिरोही एवं नागौर की 2–2 तथा हनुमानगढ़ तथा चुरू की 1-1 एक तहसीलों को सुखा घोषित किया गया है | इनमें से 10 जिलों के 64 तहसीलों को गंभीर सूखाग्रस्त तथा डूंगरपुर की 3 एवं नागौर की 2 तहसीलों को माध्यम श्रेणी सूखाग्रस्त घोषित किया गया है |

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