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सूखे से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए केंद्र से मांगे 707 करोड़ रुपये

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सुखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए मुआवजा

इस वर्ष देश के कई राज्यों में बाढ़ से किसानों को नुकसान हुआ है वहीँ कई राज्यों के कुछ जिलों में सुखा एवं बाढ़ दोनों की स्थिति देखने को मिली है | परन्तु अभ्बी तक न तो सभी बाढ़ प्रभावित किसानों तक मदद पहुंची हैं ओर न ही सुखा प्रभावित किसानों तक मदद पहुंची हैं | राज्य सरकारें अभी तक केंद्र सरकार से किसानों को सहायता राशि देने के लिए राशि की मांग कर रही हैं | अभी ताजा मामला राजस्थान राज्य का हैं जहाँ सरकार ने सूखे प्रभावित क्षेत्र की मदद के लिए केन्द्र 707 करोड़ रूपए शीघ्र जारी करने की मांग की है |

 मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के कई जिलों में सूखे की स्थिति का आकलन करने के लिए आई केन्द्र सरकार की टीम से प्रभावित जिलों के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) की सहायता राशि जल्द उपलब्ध कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर और हनुमानगढ़ जिलों के अतिरिक्त तीन अन्य जिले बीकानेर, चूरू और नागौर में भी गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार सूखे से प्रभावित हैं, जिनकी स्थिति का भी आकलन कर राहत दी जानी चाहिए।

सूखाग्रस्त जिलों के किसानों को जल्द मिले मुआवजा

आपदा प्रबन्धन एवं सहायता विभाग मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने केन्द्र सरकार से राज्य के सूखे प्रभावित क्षेत्र के लोगों को मुआवजा देने के लिए 707 करोड़ रूपए शीघ्र जारी करने का आग्रह किया है। उन्होंने राजस्थान की विशेष रेगिस्तानी परिस्थितियों को मध्यनजर रखते हुए आपदा राहत संबंधी नीति में बदलाव करने का भी अनुरोध किया। मास्टर मेघवाल बुधवार को शासन सचिवालय में अन्तर मंत्रालयिक केन्द्रीय दल के राज्य में सूखे से प्रभावित क्षेत्रों के भ्रमण के पश्चात् आयोजित डीब्रीफिंग बैठक को संबोधित कर रहे थे।

 इस वर्ष जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर एवं हनुमानगढ़ जिलों में 13 तहसीलों के एक हजार 388 गांव सूखाग्रस्त घोषित किए गए थे। यहां 3 लाख 90 हजार काश्तकारों के 20 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में 33 फीसदी से ज्यादा फसल खराबा हुआ है। साथ ही 12 लाख 66 हजार जनसंख्या एवं 14 लाख 47 हजार पशुधन प्रभावित हुआ है। इनकी मदद के लिए राज्य ने केन्द्र सरकार को 707 करोड़ रूपए की सहायता का प्रस्ताव भेजा है।

 केन्द्रीय दल से कहा कि इस क्षेत्र के लोगों की सहायता के लिए यह राशि शीघ्र जारी किया जाना जरूरी है। मास्टर मेघवाल ने कहा कि चूरू, नागौर एवं बीकानेर की नौ तहसीलों के 302 गांव भी कम बरसात की वजह से सूखे की चपेट में हैं, लेकिन यह आपदा राहत के मापदंड पूरे नहीं कर पा रहे हैं। इनके लिए केन्द्र सरकार नियमों में ढील देकर राहत पहुंचाए। 

सूखे के आकलन के नियम में किया जाए परिवर्तन

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राजस्थान ने  कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा सूखे की स्थिति की जानकारी हेतु गिरदावरी के माध्यम से किए गए आकलन को स्वीकार नहीं करने का नियम उचित नहीं है। इसी प्रकार, सूखा प्रबन्धन निर्देशिका में दो हैक्टेयर तक की भूमि पर ही किसानों को कृषि आदान अनुदान दिया जाना प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति के अनुकूल नहीं है, क्योंकि राज्य में औसतन कृषि जोत की साईज ज्यादा है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ के ऐसे अव्यवहारिक नियमों को बदलना चाहिए।

राजस्थान की विशेष परिस्थितियों के अनुरूप पशुओं के लिए राहत राशि का अनुदान बढ़ाने के लिए भी नियमों में संशोधन का सुझाव दिया।  श्री गहलोत ने कहा कि भूमिहीन पशुपालकों को भी लघु एवं सीमान्त किसानों को चारे के लिए मिलने वाले अनुदान के अनुरूप प्रति पशु सहायता राशि मिलनी चाहिए, क्योंकि ऎसे पशुपालक सूखे की स्थिति में सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

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