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415 पशुपालकों को किया गया सम्मानित, दी गई 52 लाख रुपए की ईनाम राशि

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पशु पालकों को पुरस्कार का वितरण

देश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के उद्देश्य से पशु पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए किसानों एवं ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा पशु पालन क्षेत्र में अग्रणी एवं प्रगतिशील किसानों को सम्मानित करने के साथ ही पुरस्कार राशि का वितरण भी करती है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने 22 मार्च 2023 को राज्य स्तरीय पशुपालक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य के 415 से अधिक पशुपालकों को ईनाम का वितरण किया गया।

इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसी का परिणाम है कि आज राजस्थान पूरे देश में सर्वाधिक दूध उत्पादन करने वाला राज्य बन गया है। पूरे देश के 15.05 प्रतिशत दूध का उत्पादन राजस्थान में हो रहा है। राज्य सरकार पशुपालकों को प्रतिवर्ष सम्मानित कर रही है। इस पहल से पशुपालन के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आया है।

पशुपालकों को दिया गया 50 हजार रुपए तक का पुरस्कार

मुख्यमंत्री ने पशुपालक सम्मान समारोह योजना के तहत पशुपालन में नवाचार कर पशुधन उत्पादन के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित करने वाले पशुपालकों को सम्मानित किया। इसमें राज्य स्तर पर सम्मानित श्री सुरेन्द्र अवाना एवं श्री प्रेम सिंह राव को 50-50 हजार रुपये की पुरस्कार राशि दी गई।

वहीं जिला स्तर पर सम्मानित होने वाली 7 महिला पशुपालकों सहित 68 पशुपालकों को 25-25 हजार रुपये और पंचायत समिति स्तर पर सम्मानित होने वाली 18 महिला पशुपालकों सहित 345 पशुपालकों को 10-10 हजार प्रोत्साहन स्वरुप दिए गए। इस प्रकार राज्य के 415 प्रगतिशील पशुपालकों को कुल 52.50 लाख रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप दी गई।

राज्य में पशु पालन के लिए दिया जा रहा है प्रशिक्षण

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य पशुधन प्रबन्धन प्रशिक्षण संस्थान में आवासीय प्रशिक्षणार्थी आवास भवन का लोकार्पण किया। नवनिर्मित प्रशिक्षणार्थी आवासीय भवन में 27 वातानुकूलित कमरे, 2 सुईट, डाइनिंग हॉल, बैडमिंटन कोर्ट, बैठक कक्ष और वाई-फाई सुविधाएं उपलब्ध हैं। इससे 60 प्रशिक्षणार्थियों को उच्च स्तरीय आवासीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। भवन का निर्माण कृषि विपणन बोर्ड द्वारा 6.11 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। संस्थान द्वारा अब तक 25 हजार प्रशिक्षणार्थियों को पशुधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने शुरू की यह योजनाएँ

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पशुपालन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। एक हजार 189 ग्राम पंचायतों में नये पशु चिकित्सा उपकेन्द्र तथा 4 नये पशु चिकित्सालय खोले गए हैं। 2639 ग्राम पंचायतों में पशु चिकित्सा उपकेन्द्र खोलने की घोषणा की जा चुकी है। इससे पशुओं को स्थानीय स्तर पर ही उपचार सुनिश्चित हो रहा है। राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों को आर्थिक संबल देने के लिए दूध पर प्रति लीटर 5 रुपए का अनुदान दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लंपी रोग से दुधारू पशु की मृत्यु पर पशुपालकों को प्रति गाय 40 हजार रुपए की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है। पशुपालकों के 2 दुधारू पशुओं का 40-40 हजार रुपए का बीमा किया जाएगा जिससे दुधारू पशुओं की असामयिक मृत्यु होने पर पशुपालकों को आर्थिक संबल मिल सकेगा।

डेयरी संयंत्र मालपुरा का किया गया लोकार्पण

इस दौरान मुख्यमंत्री ने 12 करोड़ रुपए की लागत से बने टोंक दुग्ध उत्पादक संघ के नए डेयरी संयंत्र मालपुरा का वीसी के माध्यम से लोकार्पण किया। मालपुरा में नवीन संयंत्र शुरू होने से टोंक जिले के लगभग 20 से 25 हजार अतिरिक्त पशुपालकों को लाभ मिलेगा। इससे आमजन को शुद्ध और उच्च गुणवत्ता के दुग्ध उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे तथा रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।

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