Home किसान समाचार गेहूँ में उत्पादन वृद्धि हेतु ‘पीला रतुआ’ तथा ‘करनाल-बन्ट’ रोग के प्रबन्धन...

गेहूँ में उत्पादन वृद्धि हेतु ‘पीला रतुआ’ तथा ‘करनाल-बन्ट’ रोग के प्रबन्धन की रणनीति

गेहूँ में उत्पादन वृद्धि हेतु ‘पीला रतुआ’ तथा ‘करनाल-बन्ट’ रोग के प्रबन्धन की रणनीति

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार तथा कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में ‘गेहूँ में उत्पादन वृद्धि हेतु ‘पीला रतुआ’ तथा ‘‘करनाल-बंट’’ रोग के प्रबन्धन की रणनीति विषयक् एक दिवसीय बैठक का आयोजन भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में किया गया। बैठक में निदेशक, गेहूँ एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा बताया गया कि ‘करनाल-बंट’ रोग सर्वप्रथम वर्ष 1931 में करनाल में ही पाया गया था। इसीलिए इसका नाम ‘करनाल बन्ट’ पड़ा। वर्तमान में इस रोग का प्रकोप समस्त गेहूँ उत्पादक राज्यों में है। इसी प्रकार पीला रतुआ रोग भी तराई क्षेत्र तथा तलहटी में अधिक पाया जाता है। बैठक में शोध अधिकारियों द्वारा सुझाव दिया गया कि रोगों के प्रभाव को कम करके ही उत्पादन, उत्पादकता तथा गुणात्मकता में सुधार किया जा सकता है। बैठक में रोगों के प्रभाव को खत्म करने के उपायों पर विस्तार से चर्चा हुई।

रबी फसल सत्र से पूर्व बैठक का आयोजन इस लिए किया गया कि रबी सत्र से उसका क्रियान्वयन किया जा सके। देश की बढ़ती हुई जनसंख्या तथा घटती जोत के आकार के दृष्टिगत यह रणनीति और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। बैठक में देश के प्रमुख गेहूँ उत्पादक 11 राज्यों के कृषि वैज्ञानिकों, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपतियों द्वारा सार्थक सुझाव दिये गये। कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त राजप्रताप सिंह, प्रमुख सचिव कृषि सुधीर गर्ग तथा कृषि निदेशक सोराज सिंह द्वारा सुझाव रखे गये।

Notice: JavaScript is required for this content.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version