back to top
28.6 C
Bhopal
मंगलवार, फ़रवरी 18, 2025
होमकिसान समाचारड्रोन से दवाओं का छिड़काव कर महिलाएँ बन रहीं है आत्मनिर्भर

ड्रोन से दवाओं का छिड़काव कर महिलाएँ बन रहीं है आत्मनिर्भर

देश में महिलाओं की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं, इसमें ड्रोन दीदी योजना भी शामिल है। केंद्र सरकार की नमो ड्रोन परियोजना से छत्तीसगढ़ की बिहान परियोजना से जुड़ी महिलाओं को रोजगार के नए-नए अवसर सुलभ हो रहे है। जिसके चलते आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर हो रही हैं। नमो ड्रोन योजना के तहत ग्राम पोंडी की सीमा वर्मा और चोरभट्ठी कला की प्रितमा वस्त्रकार सफलता पूर्वक ड्रोन चलाकर खेतों में नैनों यूरिया का छिडकाव कर रहीं है। इससे किसानों के समय और कृषि लागत की बचत हो रही है। इन महिलाओं से अन्य महिलाएं भी प्रेरित हो रही है।

ड्रोन से छिड़काव के लिए मिलते हैं प्रति एकड़ 300 रुपये

केंद्र सरकार की महिला सशक्तिकरण की इस योजना के तहत सीमा वर्मा और प्रितमा वस्त्रकार को योजना के तहत ड्रोन दिया गया है। ड्रोन देने से पहले ग्वालियर में इन महिलाओं को 15 दिन का प्रशिक्षण दिया गया। महिलाओं ने बताया कि ड्रोन के जरिए प्रति एकड़ में नैनो यूरिया के छिड़काव में 5 से 7 मिनट का समय लगता है जिससे किसानों के समय और कृषि लागत की बचत हो रही है। सीमा वर्मा द्वारा अभी तक 85 एकड़ मे ड्रोन के माध्यम से छिड़काव कर 25,500 रुपये की आय अर्जित की गई है। सीमा ने बताया कि ड्रोन से छिड़काव करने से किसानों को भी कृषि लागत में कमी आती है एक एकड़ में ड्रोन से छिड़काव का 300 रुपये लिया जाता है। ड्रोन परियोजना किसानों के भी लिए बेहद उपयोगी है।

यह भी पढ़ें:  नये किसानों को दिया जाए ज्यादा से ज्यादा ऋण

बिलासपुर जिले के ग्राम बेलतरा की महिलाओं को राज्य शासन द्वारा ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ड्रोन दीदियों ने एक संगठन भी बनाया है। इस संगठन में 500 महिलाएं शामिल है। बेलतरा में 8 अगस्त गुरूवार को महिला-किसान उत्पादक संगठन की वार्षिक आमसभा रखी गई थी। जहां महिलाओं को ड्रोन चलने का प्रशिक्षण भी दिया गया।

download app button
whatsapp channel follow

Must Read

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News