2500 रुपये प्रति क्विंटल पर धान खरीदी की योजना
केंद्र सरकार के द्वारा वर्ष 2019 – 20 के लिए धान का समर्थन मूल्य 1815 रूपये प्रति क्विंटल तय किया गया है तथा ए -1 ग्रेड धान का 1935 रूपये प्रति क्विंटल तय किया गया था | यह मूल्य देश भर में एक सामान है तथा इसी मूल्य पर किसानों से धान कि खरीदी की जानी है |
इसके अलावा कोई राज्य के द्वारा किसानों न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऊपर राशि देती है तो इसे बोनस कहा जाता है | यह राज्यों पर निर्भर करता है कि किस फसल पर कितना बोनस देना है या फसल की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही की जाएगी | पिछले वर्ष मध्य प्रदेश राज्य सरकार सभी रबी फसल पर 100 रूपये प्रति क्विंटल कि बोनस दे रही थी तथा धान और गेंहू पर 250 रूपये तथा 165 रुपया प्रति क्विंटल का बोनस दिया गया था | बोनस देने का कारण किसानों की कृषि के क्षेत्र में आय में वृद्धि के साथ – साथ क्रय शक्ति को बढ़ाना रहता है |
पिछले वर्ष से देश भर में छत्तीसगढ़ एक मात्र ऐसा राज्य है जो प्रदेश के किसानों को धान कि फसल पर सबसे ज्यादा बोनस देने जा रही है | पिछले वर्ष धान का न्यूनतम समर्थन 1750 रुपया प्रति क्विंटल था जिस पर राज्य सरकार 750 रुपया प्रति क्विंटल कि बोनस दे रही थी जो देश भर में किसी भी राज्य के द्वारा किसी भी फसल पर अब तक का सबसे बड़ा बोनस था |
धान पर बोनस देने पर केंद्र सरकार की एजेंसियां नहीं करेंगी मदद
पिछले वर्ष कि तरह ही इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने किसानों को धान पर बोनस दे रही है लेकिन अन्य सरकार ने इसे बन्द कर दिया है | इस वर्ष केंद्र के द्वारा धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1815 रुपया प्रति क्विंटल घोषित किया है | पिछले वर्ष कि तरह इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ सरकार ने 2500 रूपये प्रति क्विंटल धान खरीदने का फैसला किया है | राज्य सरकार इस बार 685 रुपया प्रति क्विंटल बोनस दे रही है |
धान खरीदी में राज्य सरकार के अलावा केंद्र सरकार कि एजेंसियां भी रहती है लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है कि अगर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार किसानों को 685 रुपया प्रति क्विंटल बोनस देगी तो केंद्र सरकार कि एजेंसियां धान कि खरीदी नहीं करेगी |
धान खरीदी को लेकर प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
इसको लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार को 05 जुलाई तथा 25 जुलाई को प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है कि अगर केंद्र सरकार किसी कारण से न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने में सक्षम नहीं है तो छत्तीसगढ़ सरकार इसकी भरपाई करने को तैयार है | इस संबंध में 23 और 24 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मिलने कि कोशिश भी की लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय से इसके लिए समय नहीं दिया गया है | जिसके बाद 25 अक्टूबर को फिर से पत्र लिखकर यह मना किया गया है कि केंद्र सरकार राज्य में धान कि खरीदी में भाग लें |
क्या इतना धान खरीद पाएगी राज्य सरकार
अगर केंद्र सरकार इस वर्ष धान की फसल खरीदी में भाग नहीं लेता है तो राज्य के किसानों की धान की खरीदी पर असर पड़ना स्वाभाविक है | इसके साथ ही खरीदी के लिए राज्य सरकार पर ज्यादा बोझ के साथ – साथ भंडारण पर असर पड़ेगा | इस वर्ष राज्य सरकार ने 32 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है | इसके लिए राज्य सरकार ने किसानों से पंजीयन करा रही है | अच्छी धान कि पैदावार के कारण पंजीयन की तारीख 30 अक्टूबर से बढ़ाकर 7 नवम्बर कर दी गई है |