इस साल गेहूं की सरकारी खरीद के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा गेहूं के समर्थन मूल्य पर 175 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस राशि देने का निर्णय लिया गया था। जिसके चलते इस साल किसानों ने बढ़ चढ़कर गेहूं खरीद में हिस्सा लिया। पिछले साल जहां मध्य प्रदेश में किसानों से मात्र 48 लाख 38 हजार मीट्रिक टन गेहूँ खरीद की गई थी वहीं इस साल किसानों ने सरकार को 77 लाख 74 हजार मीट्रिक टन गेहूं बेचा है।
इस संबंध में मध्य प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि किसानों के हित में न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस की घोषणा के परिणामस्वरूप इस वर्ष लगभग 9 लाख किसानों से 77 लाख 74 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन हुआ है। जबकि पिछले वर्ष 48 लाख 38 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन हुआ था। गेहूँ के उपार्जन में मध्यप्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है।
किसानों को किया गया 17870 करोड़ रुपए का भुगतान
खाद्य मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों से उपार्जित गेहूँ में से 73 लाख 51 हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ का सुरक्षित भण्डारण भी किया जा चुका है। किसानों को उपार्जित गेहूँ का भुगतान भी लगातार किया जा रहा है। अभी तक लगभग 17 हजार 870 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपए है और राज्य सरकार द्वारा 175 रुपए प्रति क्विंटल बोनस दिया गया है। इस तरह से गेहूँ की खरीदी 2600 रुपए प्रति क्विंटल की दर से की गयी।