सोलर पम्प एवं गोशालाओं की स्थापना
विद्युत उर्जा पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार सौर ऊर्जा की तरफ बढ़ रही है | इसके लिए केंद्र तथा राज्य सरकार किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है | सरकार का ऐसा मानना है कि इससे किसानों को बिजली की बिल से छुटकारा मिल जायेगा और आय में वृद्धि होगा |
क्या है सोलर पम्प एवं गोशालाओं के लिए योजना
इसी क्रम में हरियाणा सरकार प्रदेश में 50 हजार सोलर पम्प किसानों को तथा गौशालाओं की देने जा रही है | हरियाणा के नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा व जनस्वास्थ्य मंत्री बनवारी लाल ने कहा की एक विशेष योजना के तहत नाबार्ड की सहायता से 50 हजार सोलर पम्प किसानों तथा गौशालाओं को दिए जायेंगे | इस योजना को पूरा करने के लिए लगभग 1696 करोड़ रुपया खर्च करेगी |
मंत्री जी ने जानकारी देते हुये बताया कि इस योजना से प्रदेश को 238 मेगावाट हरित ऊर्जा का उत्पादन होगा | इससे न केवल पंप चलाने में प्रयोग होने वाले डीजल की बचत होगी बल्कि डीजल पंप से होने वाले प्रदुषण की रोकथाम भी होगी |
इससे पहले प्रदेश में लगभग 413 मेगावाट क्षमता की एक सौर ऊर्जा आधारित परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी है | राज्य सरकार ने 672 मेगावाट की सोलर परियोजना को स्वीकृति प्रदान की है जिसे इसी वर्ष पूरा कर लिया जाएगा |
सरकार ने बिजली पर से सब्सिडी कम करने के लिए करनाल व यमुनानगर जिले में एक – एक पायलेट प्रोजेक्ट की रुपरेखा तैयार की गई है | इस योजना के तहत सरकार ने सौर ऊर्जा के लिए प्रदेश को 11 कृषि फीडर में बता है | जिससे वर्तमान में कुल 468 बिजली आधारित टयूबेलों को ऊर्जा आधारित टयूबेलों में परिवर्तित किया जायेगा | इन सौर ऊर्जा आधारित ट्यूबवेलों से जो अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होगा उससे किसानों को दिया जाएगा | इस योजना पर लगभग 26 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है |