जून से सितंबर तक कैसी रहेगी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान
मौसम विभाग द्वारा दुसरे चरण के मासिक वर्षा के पूर्वानुमान जारी कर दिए गए हैं | जैसा की ज्ञात है केरल मानसून पहुँचने का पूर्वानुमान लगभग सही रहा है | मानसून 29 मई को केरल पंहुच चूका है और यह बात मौसम विभाग ने अपने पहले पूर्वानुमान में कही थी | किसानों के लिए इस बार मानसून को लेकर अच्छी खबर है इस वर्ष भारत वर्ष में सामान्य बारिश होने की सम्भावना जताई जा रही है |
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने वर्ष 2018 में दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान पूरे देश में वर्षा के लिए पहले चरण का दीर्घावधि पूर्वानुमान 16 अप्रैल को जारी किया था। आईएमडी ने अब पूरे देश में मानसून वर्षा के लिए दूसरे चरण का दीर्घावधि पूर्वानुमान तैयार किया है। इसी तरह आईएमडी ने पूरे देश में जुलाई एवं अगस्त के लिए मासिक वर्षा के पूर्वानुमान और भारत के 4 व्यापक भौगोलिक क्षेत्रों (उत्तर-पश्चिम भारत, पूर्वोत्तर भारत, मध्य भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप) के लिए मानसून वर्षा के पूर्वानुमान तैयार किए हैं। 6 मानदंडों वाली सांख्यिकीय समष्टि पूर्वानुमान प्रणाली (एसईएफएस) और परिचालन मानसून मिशन जलवायु पूर्वानुमान प्रणाली (एमएमसीएफएस) का उपयोग कर पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानूसन सीजन (जून-सितंबर) के दौरान वर्षा के लिए दूसरे चरण का पूर्वानुमान तैयार किया गया था।
प्रमुख बातें
- वर्ष 2018 में दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन (जून से लेकर सितंबर तक) के दौरान पूरे देश में वर्षा सामान्य [(लम्बी अवधि के औसत (एलपीए) का 96 से लेकर 104 प्रतिशत तक] रहने की व्यापक संभावनाएं हैं।
- मात्रा की दृष्टि से पूरे देश में मानूसन सीजन (जून-सितंबर) के दौरान वर्षा एलपीए का 97 प्रतिशत रहने की संभावना है, इसमें चार प्रतिशत की बढ़त-कमी हो सकती है।
- मानसून सीजन के दौरान क्षेत्रवार वर्षा उत्तर-पश्चिम भारत में एलपीए का 100 प्रतिशत, मध्य भारत में एलपीए का 99 प्रतिशत, दक्षिणी प्रायद्वीप में एलपीए का 95 प्रतिशत और पूर्वोत्तर भारत में एलपीए का 93 प्रतिशत होने की संभावना है। इन सभी आंकड़ों में 8 प्रतिशत की बढ़त-कमी हो सकती है।
- पूरे देश में मासिक वर्षा जुलाई माह के दौरान एलपीए का 101 प्रतिशत और अगस्त के दौरान एलपीए का 94 प्रतिशत होने की संभावना है, जिसमें 9 प्रतिशत की बढ़त-कमी हो सकती है।
मानसून मिशन संयोजित पूर्वानुमान प्रणाली (एमएमसीएफएस)
एमएमसीएफएस पर आधारित नवीनतम प्रायोगिक पूर्वानुमान से यह पता चला है कि वर्ष 2018 के मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान पूरे देश में मानसून की औसत वर्षा एलपीए का 102 प्रतिशत रहने की संभावना है। हालांकि, इसमें 4 प्रतिशत का अंतर हो सकता है।
वर्ष 2018 में दक्षिण – पश्चिम मानसून वर्षा के लिए दूसरे चरण का परिचालन पूर्वानुमान
मात्रा की दृष्टि से मानसून सीजन के दौरान कुल वर्षा एलपीए का 97 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान है। हालांकि, इसमें 4 प्रतिशत का अंतर हो सकता है। वर्ष 1951 से लेकर वर्ष 2000 तक की अवधि के दौरान पूरे देश में एलपीए वर्षा 89 सेंटीमीटर आंकी गई है।
व्यापक भौगोलिक क्षेत्रों में सीजन (जून-सितम्बर) के दौरान वर्षा
मानसून सीजन के दौरान क्षेत्रवार वर्षा उत्तर-पश्चिम भारत में एलपीए का 100 प्रतिशत, मध्य भारत में एलपीए का 99 प्रतिशत, दक्षिणी प्रायद्वीप में एलपीए का 95 प्रतिशत और पूर्वोत्तर भारत में एलपीए का 93 प्रतिशत होने की संभावना है। इन सभी आंकड़ों में 8 प्रतिशत की कम या ज्यादा हो सकती है।
पूरे देश में मासिक (जुलाई एवं अगस्त) वर्षा
पूरे देश में मासिक वर्षा जुलाई माह के दौरान 101 प्रतिशत और अगस्त के दौरान 94 प्रतिशत होने की संभावना है, जिसमें 9 प्रतिशत की कम या ज्यादा हो सकती है।
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