देश में किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में केंद्र सरकार द्वारा देशभर में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत अब सरकार किसानों के खेतों तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करने जा रही है। इसके लिए 9 अप्रैल के दिन केंद्र सरकार ने 1600 करोड़ रुपए की लागत से पीएम कृषि सिंचाई योजना की उप योजना को मंजूरी दे दी है।
दरअसल बुधवार 9 अप्रैल के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2025-2026 की अवधि के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) की उप-योजना के रूप में कमान क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन (एम-सीएडीडब्ल्यूएम) के आधुनिकीकरण को मंजूरी दे दी। इस योजना का आरंभिक कुल परिव्यय 1600 करोड़ रुपये है।
सिंचाई के लिए नहरों का किया जाएगा आधुनिकीकरण
सरकार के मुताबिक इसका उद्देश्य मौजूदा नहरों या अन्य स्रोतों से निर्दिष्ट क्लस्टर में सिंचाई जल की आपूर्ति के लिए सिंचाई जल आपूर्ति नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना है। यह दबाव युक्त भूमिगत पाइप सिंचाई द्वारा एक हेक्टेयर तक स्थापित स्रोत से खेत तक किसानों द्वारा सूक्ष्म सिंचाई के लिए मजबूत बैकएंड बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा। जल की मात्रा दर्ज करने और जल प्रबंधन के लिए एससीएडीए, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इससे खेत स्तर पर जल उपयोग दक्षता और कृषि उत्पादन के साथ-साथ उत्पादकता बढ़ेगी, इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
सिंचाई परिसंपत्तियों के प्रबंधन के लिए जल उपयोगकर्ता समिति को सिंचाई प्रबंधन हस्तांतरण द्वारा परियोजनाओं को टिकाऊ बनाया जाएगा। जल उपयोगकर्ता समितियों को पांच साल के लिए एफपीओ या पीएसीएस जैसी मौजूदा आर्थिक संस्थाओं से जोड़ने के लिए सहायता दी जाएगी। युवाओं में भी सिंचाई की आधुनिक पद्धति अपनाते हुए खेती क्षेत्र में आने का रुझान बढ़ेगा।
प्रारंभिक स्वीकृति, राज्यों का चुनौतीपूर्ण वित्तपोषण करके देश के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में पायलट परियोजनाओं को शुरू करने के लिए दी गई है। इन परियोजनाओं के डिजाइन और संरचना से प्राप्त अनुभवों के आधार पर, 16वें वित्त आयोग की अवधि के लिए अप्रैल 2026 से कमान क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय योजना शुरू की जाएगी।