बरसात के मौसम में पशुओं को बहुत से रोग लगने की संभावना रहती है। ऐसे में पशुओं को लगने वाले इन रोगों से बचाया जा सके इसके लिए पशुपालन विभाग द्वारा सघन टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ पशुधन विकास विभाग द्वारा गौवंशीय एवं भैंस वंशीय पशुओं में केन्द्र शासन की योजना पशुधन स्वास्थ्य व रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुओं में खुरपका/ मुंहपका (एफएमडी) रोग नियंत्रण हेतु सघन टीकाकरण अभियान 15 अगस्त 2024 से शुरू किया गया है, यह अभियान 30 सितम्बर 2024 तक चलाया जाएगा।
इस अभियान के अंतर्गत पशुधन विकास विभाग के द्वारा प्रत्येक जिले के विकासखंडों में टीकाकरण कार्यकर्ताओं को शामिल कर टीकाकरण दलों का गठन किया गया है। जिनके द्वारा सभी मवेशियों में शत्-प्रतिशत टीकाकरण कार्य किया जा रहा है।
इन रोगों का लगाया जा रहा है टीका
पशुओं का टीकाकरण केंद्र सरकार की योजना लाईव स्टाक हेल्थ एंड डीजीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत एफएमडी (खुरहा चपका रोग) का टीकाकरण किया जा रहा है। एफएमडी रोग दो खुर वाले पशुओं में अत्यंत संक्रामक एवं घातक विषाणुजनित रोग है। यह रोग बहुत ही तेजी से पशुओं में फैलता है। इस रोग के होने पर पशुओं को तेज बुखार हो जाता है।
बीमार पशु के मुंह, मसूड़े, जीभ के ऊपर नीचे, होंठ के अंदर भाग, खुरों की बीच की जगह पर छोटे-छोटे दाने उभर आते हैं, जो कि आपस में मिलकर छालों का रूप ले लेते हैं। मुंह में छाले होने से पशु के मुंह से लगातार लार गिरती रहती है एवं खुर में छालों के कारण पशु लंगड़ाकर चलता है। पशु खाना-पीना छोड़ देता है और सुस्त पड़ जाता है। दुधारू पशुओं में दुध उत्पादन कम हो जाता है तथा बैलों की कार्यक्षमता भी कम हो जाती है।
यह एक विषाणु जनित रोग है एवं रोग का रोकथाम ही नियंत्रण का कारगर उपाय है। इसलिये उक्त पशु रोग के नियंत्रण हेतु गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी शासन द्वारा सघन टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। पशुपालन विभाग के उप संचालक ने जिले के पशुपालकों से अपील किया है कि अपने पशुओं में अनिवार्य रूप से इस रोग के रोकथाम एवं बचाव के लिए आवश्यक रूप से टीकाकरण कराएं, जिससे इस बीमारी के संक्रमण का खतरा न हो और पशु स्वस्थ रहें।