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उत्तरप्रदेश बजट 2021-22: जानिए किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा के साथ और क्या-क्या मिला

उत्तरप्रदेश कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के लिए बजट 2021-22

केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 बजट पेश किये जाने के बाद राज्य सरकारों ने भी अपने बजट पेश करना शुरू कर दिए हैं | उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोमवार 22 फरवरी को अपनी सरकार का बजट पेश किया। कुल 5.50 लाख करोड़ रुपए के बजट में किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किये गए हैं | बजट में किसानों को मुफ्त पानी, सस्ते दरों पर लोन एवं 15 हजार सोलर पम्पो की स्थापना आदि मुख्य बातें शामिल है |

वित्त मंत्री ने बजट 2021 पेश करते हुए कहा कि हमारी सरकार किसानों के उत्थान और उनकी आय दोगनी करने के लिए संकल्पित है | किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने हेतु विभिन्न योजनाओं के बेहतर उपयोग के लिए अवस्थापना से सम्बंधित गैप्स को पूरा करने हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 से “आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना” क्रियान्वित की जाएगी | प्रदेश के ऐसे किसान जिनकी दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है, उनके परिवारों को “मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना” के अंतर्गत 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी |

इस योजना का विस्तार करते हुए अब खातेदार एवं सहखातेदार किसानों के परिवारों के कमाऊ सदस्य तथा ऐसे भूमिहीन व्यक्ति जो पट्टे से प्राप्त भूमि पर अथवा बटाई पर खेती करने वालों को भी पात्रता दी जाएगी | इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ भी प्रदेश के किसानों को दिया जायेगा | किसान समाधान आपके लिए कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों में प्रस्तावित बजट की जानकारी लेकर आया है |

किसानों को बजट 2021-22 में क्या-क्या मिला

  • सरकार वर्ष 2021-22 से आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना क्रियान्वित करगी | योजना के मुख्य घटक होंगे- प्रदेश के प्रत्येक एग्रो क्लाइमेट जोन में अधिक उत्पादकता वाली फसलों का चिन्हीकरण, उत्पादकता कृषि हेतु नवीन तकनीक एवं निवेश को बढ़ावा, चयनित उत्पादों का मूल्य संवर्धन, विपणन हेतु बाज़ार तैयार करना तथा ब्लाक स्टार पर कृषक उत्पादन संगठनों की स्थापना | योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की जा रही है |
  • मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत 600 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की जा रही है |
  • नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा हेतु 700 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है |
  • कृषकों को प्रारंभिक सहकारी कृषि ऋण समितियों के माध्यम से रियायती दरों पर फसली ऋण उपलब्ध कराये जाने हेतु अनुदान के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था |
  • कुसुम योजना के अंतर्गत खेतों में विभिन्न क्षमताओं के सोलर पम्पों की स्थापना करायी जा रही है | वित्तीय वर्ष 2021-22 में 15 हजार सोलर पम्पों की स्तःपना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है |
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कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के लिए लक्ष्य

उत्तरप्रदेश में कुल प्रतिवेदित क्षेत्रफल 242 लाख हेक्टेयर है जिससे 165 लाख हेक्टेयर में खेती की जाती है | कृषि क्षेत्र की लक्षित विकास दर 5.1 प्रतिशत प्राप्त करने हेतु वर्ष 2021-22 में खाद्यान उत्पादन का लक्ष्य 644 लाख मीट्रिक टन एवं तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 13 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है | वर्ष 2021-22 में बीज वितरण के 62 लाख 50 हजार क्विंटल का लक्ष्य रखा गया है |

गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग

प्रदेश में 45 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के परिवार की आजीविका मुख्य साधन चीनी उद्योग है | वर्तमान में राज्य में 119 चीनी मिल संचालित हैं | इस सत्र में प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 27 लाख 40 हजार हेक्टेयर है जिससे चीनी का उत्पदान 125 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है | पिपराइच एवं मुन्देरवा के स्थान पर 5,000 टी.सी.डी. की नई चीनी मिलें और 27 मेगावाट क्षमता का को-जन संयंत्र स्थापित किया गया है | इन मीलों में सीधे गन्ने के रस से एथेनाल बनाने की सुविधा होगी | रमाला चीनी मिल की पेराई क्षमता को 2750 से बढाकर 5,000 किया गया है तहत इसके साथ 27 मेगावाट को-जेन संयंत्र लगाया गया है |

पशुपालन एवं दुग्ध विकास

पूरे विश्व में भारत सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश है तथा देश में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में उत्तरप्रदेश का स्थान प्रथम है |  पशुधन के विकास हेतु किसनों के लिए अनेकों लाभकारी योजनायें संचालित की जा रही है तथा उनमें गति प्रदान करने के लिए नए प्रयोगों को लागू किया जा रहा है |

वित्तीय वर्ष 2021-22 में त्वरित व गति से नस्ल सुधर हेतु पशु प्रजनन नीति-2018 क्रियान्वित की जा रही है | पशु स्वास्थ्य, रोग नियंत्रण, पशुधन बीमा के साथ साथ नवीन पशु चिकित्सालयों का निर्माण तथा गौ-संरक्षण केन्द्रों की स्थापना के साथ-साथ अस्थाई गो-आश्रय स्थल स्थापित किये जा रहे हैं | राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत खुरपका-मुहपका एवं ब्रुस्लोसिस रोग नियंत्रण हेतु एक्शन प्लान के अनुसार क्रियान्वयन किया जा रहा है | वर्ष 2030 तक प्रदेश के पशुओं को खुरपका-मुहपका रोग से मुक्त कराये जाने का लक्ष्य है |

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मछली पालन

  • वर्ष 2020 में उत्तरप्रदेश को “बेस्ट इनलैंड स्टेट” हेतु प्रथम पुरस्कार दिया गया है | वित्तीय वर्ष 2021-22 में ग्राम पंचायतों के स्वामित्व वाले 3000 हेक्टेयर सामुदायिक तालाबों का 10 वर्षीय पट्टा आवन्टन व समस्त स्त्रोतों से 300 करोड़ मत्स्य बीज उत्पादन/ मत्स्य बीज वितरण का लक्ष्य प्रस्तावित है |
  • 02 लाख मत्स्य पालकों को निः शुल्क प्रीमियम पर मछुआ दुर्घटना बीमा योजना से आच्छादित किया जाना प्रस्तावित है |
  • वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रारंभ की जा रही नयी योजना “मत्स्य सम्पदा योजना” हेतु 243 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है |

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के लिए प्रस्तावित बजट

प्रदेश में बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समन्वित विकास हेतु एकीकृत बागवानी विकास मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उपघटक पर ड्राप मोर-क्रॉप माइक्रोइरीगेशन, बुंदेलखंड एवं विंध्य क्षेत्र में औद्यानिक विकास, गुणवत्ता युक्त पान उत्पादन प्रोत्साहन, उत्तरप्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना, सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट एवं वेजिटेबल तथा खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण एवं विद्यायन आदि कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं |

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना हेतु 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है  वहीँ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2017 के क्रियान्वयन हेतु 40 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान प्रस्तावित है |

सहकारिता क्षेत्र के लिए प्रस्तावित बजट

  • राज्य में रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भंडारण हेतु 150 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था प्रस्तावित है |
  • किसानों को नाबार्ड से रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराये जाने हेतु ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत 400 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था प्रस्तावित है |
  • सहकारी समितियों के समन्वित विकास हेतु संचालित एकीकृत सहकारी विकास योजना के लिए 10 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था का प्रस्ताव है |
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