रबी फसलों की बुआई का समय हो गया है, ऐसे में किसान फसल उत्पादन की लागत कम कर उत्पादन बढ़ा सकें इसके लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को सलाह दी जा रही है। इस कड़ी में कृषि आयुक्तालय ने रबी की बुवाई में तिलहन एवं दलहन फसलों के लिए सिंगल सुपर फास्फेट (SSP-16 प्रतिशत फास्फोरस), एनपीके एवं ट्रिपल सुपर फॉस्फेट (TSP-46 प्रतिशत फॉस्फोरस) को अधिक लाभदायक बताते हुए इनका उपयोग बढ़ाने की सलाह दी है।
कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव राजन विशाल ने कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक कृषि एवं संयुक्त निदेशकों को इस सम्बन्ध में किसानों को रबी वर्ष 2025-26 में अनुदानित डीएपी के वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ाने के निर्देश दिए है। निर्देश में कहा गया है कि सम्पूर्ण जिले में उर्वरकों की उपलब्धता पर निरंतर निगरानी रखते हुए जिले में फॉस्फेटिक उर्वरक डीएपी के वैकल्पिक उर्वरक टीएसपी, एसएसपी एवं एनपीके की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए किसानों को इनके अधिकतम उपयोग की सलाह दें।
TSP, SSP और NPK उर्वरक हैं अधिक लाभदायक
कृषि विभाग जालोर के सहायक निदेशक सुभाष चन्द्र ने बताया कि किसानों द्वारा बुवाई के समय फॉस्फेटिक उर्वरक में डीएपी के उपयोग का विशेष रूप से प्रचलन है जबकि डीएपी के वैकल्पिक उर्वरक जैसे टीएसपी, एसएसपी एवं एनपीके का उपयोग इन फसलों में अधिक लाभप्रद है। साथ ही एनपीके उर्वरक में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं पोटाश होने से संतुलित उर्वरक के रूप में फसलों के लिए उपयुक्त है। वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग से फसलों में सल्फर तथा कैल्शियम की पूर्ति भी होती है।
दलहन तिलहन फसलों में किसान तीन बैग एसएसपी के साथ एक बैग यूरिया, एक बैग (50 किग्रा प्रति बैग) टीएसपी के साथ एक बैग यूरिया तथा एनपीके उर्वरक जैसे 12:32:16, 20:20:0:13 इत्यादि का उपयोग विभागीय सिफारिश अनुसार करें।


