22 फ़रवरी के दिन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुरुक्षेत्र में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के साथ प्राकृतिक तरीके से की जा रही खेती और उत्पादन को देखा और इस विषय और इस पद्धति से उगाई जा रही फसलों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने आचार्य देवव्रत को ऋषि बताते हुए कहा कि उन्होंने प्राकृतिक खेती के प्रचार प्रसार का जो काम किया है, वह अपने आप में अद्भुत है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने इस अवसर पर चना, गेहूं, गन्ना, सरसों, अमरूद, सेब, ड्रेगन फ्रूट, स्ट्राबेरी, प्याज, लहसुन आदि उपज को खेतों में देखा और उनके बारे में राज्यपाल और अन्य विशेषज्ञों से विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान आसपास के किसान, केंद्र और राज्य के कृषि व बागवानी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
प्राकृतिक खेती से उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ेगी
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि ये सही समय है कि हम धीरे-धीरे प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ें। उन्होंने देश के किसानों से कहा की यह धारणा गलत है कि प्राकृतिक खेती से उत्पादन घटता है। उन्होंने कहा कि किसानों को ट्रैनिंग देकर अगर सही तरीके से प्राकृतिक खेती की जाए तो उत्पादन भी बढ़ेगा, गुणवत्ता तो बढ़ेगी ही और धरती भी बचेगी और हम स्वस्थ भी रह सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में इंटरक्रॉपिंग के कारण एक नहीं, एक साथ गन्ना, सरसों, चना आदि अलग-अलग फसलें ली जा सकती हैं।