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इस योजना के तहत मात्र 10 प्रतिशत राशि में महिला किसानों को दी गई साहीवाल नस्ल की दुधारू गाय

महिला किसानों को दुधारू पशु प्रदाय योजना के तहत अनुदान पर साहीवाल नस्ल की 2-2 दुधारू गायों का वितरण किया गया। योजना के तहत लाभार्थी किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान एवं 40 प्रतिशत बैंक ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। इस कड़ी में आदिवासी समुदाय की महिला किसानों की आय बढ़ाने और उनके सशक्तिकरण के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दुधारू पशु प्रदाय योजना” प्रारंभ की गई है। अभी यह योजना राज्य के 6 जिलों कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद, सारंगढ़-बिलाईगढ़, जशपुर और बलरामपुर-रामानुजगंज में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई है।

योजना के तहत आजीविका संवर्धन, पोषण सुधार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी महिला किसानों को साहीवाल नस्ल की दो-दो दुधारू गायें दी जा रही हैं। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की सहायक संस्था एनडीडीबी डेयरी सर्विसेस के सहयोग से छत्तीसगढ़ राज्य दुग्ध महासंघ मर्यादित द्वारा यह योजना संचालित की जा रही है। योजना के तहत 14 जुलाई के दिन कांकेर जिले के बड़गांव (पखांजूर) में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्र की 75 आदिवासी महिला किसानों को गाय प्रदान की गई।

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किसानों को देना होगा मात्र 10 प्रतिशत राशि

राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई दुधारू पशु प्रदाय योजना के तहत लाभार्थी किसानों को इकाई लागत की मात्र 10 प्रतिशत राशि ही देनी होगी। जबकि शेष राशि लाभार्थी किसानों को योजना के तहत 50 प्रतिशत तक के अनुदान के रूप में एवं 40 प्रतिशत राशि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के माध्यम से रियायती ब्याज दर पर ऋण स्वरूप प्रदान की जाएगी। ऋण की वसूली किसानों द्वारा दूध के विक्रय से की जाएगी।

डेयरी समग्र विकास योजना के अंतर्गत संचालित इस योजना में लाभार्थियों को एक वर्ष तक मुफ्त सुविधाएं भी दी जाएंगी। जिनमें दुधारू गायों का बीमा, पशु स्वास्थ्य निगरानी, साइलेज चारा, पौष्टिक आहार, खनिज मिश्रण तथा वैज्ञानिक पशु प्रबंधन पर प्रशिक्षण शामिल हैं। साथ ही राज्य की पशु चिकित्सा टीमें नियमित रूप से पशु स्वास्थ्य सेवा एवं प्रजनन सुविधा भी उपलब्ध कराएंगी।

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