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बुधवार, जून 18, 2025
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इस योजना के तहत किसान लोन लेकर शुरू कर सकते हैं डेयरी व्यवसाय

गाय-भैंस की डेयरी की स्थापना के लिए सरकार द्वारा आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना के तहत 75 प्रतिशत बैंक ऋण दिया जाता है। वहीं शेष 25 प्रतिशत राशि हितग्राही को अंशदान के रूप में देनी होती है। योजना में 7 वर्षों तक 5 प्रतिशत ब्याज की प्रतिपूर्ति अनुदान का भी लाभ दिया जाता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार पशुपालन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार द्वारा डेयरी व्यवसाय शुरू करने के लिए बैंक ऋण एवं अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा “आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना” शुरू की गई है। योजना के तहत किसानों और युवाओं को गाय-भैंस ख़रीद कर डेयरी व्यवसाय स्थापित करने के लिए सहायता अनुदान दिया जा रहा है।

आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना के तहत डेयरी की स्थापना के लिए 75 प्रतिशत राशि बैंक ऋण के माध्यम से दी जाती है। शेष 25 प्रतिशत राशि हितग्राही को अंशदान के रूप में देनी होती है। योजना में 7 वर्षों तक 5 प्रतिशत ब्याज की प्रतिपूर्ति अनुदान का भी लाभ दिया जाता है। योजना हेतु पशुपालक के पास कम से कम 5 पशुओं के लिए एक एकड़ कृषि भूमि होना आवश्यक है। पशुओं की संख्या में वृद्धि होने पर उसी के अनुपात में कृषि भूमि का निर्धारण किया जाता है।

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5 और 10 पशुओं की डेयरी के लिए लागत

पशुपालन विभाग द्वारा योजना के तहत गाय और भैंस की डेयरी स्थापित करने के लिए लागत निर्धारित की गई है। योजना की एक इकाई में 5 भैंस लेने के लिए 4 लाख 25 हजार रुपए तथा संकर नस्ल की गाय लेने के लिए 3 लाख 82 हजार रुपए एवं देसी गाय लेने के लिए 2 लाख 43 हजार 750 रुपए निर्धारित की गई है। वहीं 10 भैंस की डेयरी के लिए 8 लाख 40 हजार रुपए, संकर गाय के लिए 7 लाख 51 हजार रुपए तथा 10 देसी गे के लिए 4 लाख 75 हजार रुपए की लागत निर्धारित की गई है।

इस योजना में सामान्य वर्ग के पशुपालक को परियोजना लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम 1 लाख 50 हजार रुपए मार्जिन मनी सहायता के रूप में दी जाती है। वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के हितग्राही को परियोजना लागत का 33 प्रतिशत अधिकतम 2 लाख रुपए मार्जिन मनी के रूप में दी जाती है।

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योजना का लाभ लेने के लिए क्या करें?

आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना का लाभ लेने के लिए किसान अपने संबंधित जिले के पशु चिकित्सा अधिकारी या पशु औषधालय के प्रभारी या अपने जिले के पशुपालन विभाग के कार्यालय में सम्पर्क कर आवेदन कर सकते हैं। जिसके बाद पशुपालन विभाग के माध्यम से प्रकरण बैंकों में भेजा जाता है। बैंक से प्रकरण स्वीकृत होने के बाद हितग्राही को इकाई लागत की राशि प्रदान की जाती है। इस योजना में इकाई लागत की 75 प्रतिशत राशि पर बैंक की कुल ऋण राशि में 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज अनुदान दिया जाता है। इसकी राशि अधिकतम 25 हजार रुपए प्रतिवर्ष निर्धारित है।

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6 टिप्पणी

    • first you need to make a project of dairy farm with details. you can get guidance from your nearest govt. veterinary hospital or in District animal husbandry department then you can apply under the govt. scheme. if project approved than your application will be send in bank. than you can get loan and subsidy.
      please contact in your block or district Animal Husbandry Department and ask for project guidance, and you can also get Training from Your District Krishi Vigyan Kendra (KVK)

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