समेकित कृषि प्रणाली योजना के तहत अनुदान
आपने अभी तक कृषि यंत्र, खाद बीज एवं खेती से जुडी हुई सामग्री पर सब्सिडी के बारे में सुना होगा | आज हम आपको सरकार की ऐसी योजना के बारे में बताएँगे जिसके तहत खेती करने पर भी सरकार सब्सिडी देगी | बढती जनसंख्या के कारण दिन -प्रतिदिन किसानों के खेतों का आकार छोटा होते जा रहा है | जिससे खेती करने में किसानों को मुश्किलों का सामना करना पढ़ रहा है | वर्ष 2015 – 16 के एग्रीकल्चर सेंसस रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति परिवार खेत की जोत 1.08 हेक्टेयर है | जो अब और भी कम हो गई होगी | दूसरी तरफ मौसम तथा जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों की आय पर भी फर्क पड़ा है | इसी को ध्यान में रखते हुये भारत सरकार ने समेकित कृषि प्रणाली योजना लागू की गई है |
क्या है समेकित कृषि प्रणाली योजना
समेकित कृषि प्रणाली के तहत किसान भाई कम जगह का अधिक से अधिक उपयोग करके कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकते हैं | यह प्रणाली कसे किसान वर्ष भर आय अर्जित कर सकते हैं |इस योजना का तहत सामूहिक रूप से क्षेत्र का अध्ययन करके तथा क्षेत्र का विकास करके खेती को बढ़ावा दिया जाएगा | इस योजना के तहत खेती करने पर सरकार किसानों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है | इस योजना का तहत किसानों को मछली पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, पशुपलान (डेयरी के लिए) इत्यादी के साथ – साथ खेती और बागवानी को बढ़ावा दिया जा रहा है |
इसी के तहत बिहार राज्य सरकार इस योजना के तहत राज्य के किसानों को उधानकी तथा पशुपालन के लिए योजना चला रही है | इसके लिए राज्य में कम से कम 100 हेक्टेयर के क्लस्टर का चयन किया जायेगा |
किसानों को कितनी सब्सिडी दी जाएगी ?
भारत सरकार के द्वारा निर्गत दिशा – निर्देश के आलोक में राज्य में इस योजना का क्रियान्वन कराया जा रहा है एवं तदनुसार उधान आधारित कृषि प्रणाली के अंतर्गत मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 25 हजार रूपये, पशुधन आधारित कृषि प्रणाली के अंतर्गत मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 40 हजार रूपये एवं फसल आधारित कृषि प्रणाली के अंतर्गत मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 15 हजार रूपये अनुदान पेरिफेरल प्लान्टेशन के साथ प्रति हेक्टेयर की दर से किसानों को दिया जायेगा |
इन किसानों को प्राथमिकता दिया जायेगा ?
इस योजना के अंतर्गत एक लाभार्थी को अधिकतम 2 हेक्टेयर तक के लिए ही अनुदान दिया जायेगा | इस योजना के कुल उद्व्य्य राशि का 50 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसानों पर व्यय किया जायेगा | जिनमें से कम – से – कम 30 प्रतिशत लाभार्थी महिला का होना अनिवार्य है | इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाती वर्ग के किसानों के लिए 16 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों के लिए 1 प्रतिशत राशि कर्णाकित की गई है |