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मंगलवार, फ़रवरी 11, 2025
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मनरेगा योजना के तहत किसान बनवा सकते हैं पशुपालन के लिए शेड

पशुपालन ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की दैनिक आमदनी के साथ ही रोजगार कि अच्छा जरिया है, जिसके चलते आज के समय में युवाओं और किसानों का रुझान पशुपालन की तरफ़ हुआ है। लेकिन पशुपालन में सबसे ज्यादा लागत पशुओं के लिए आश्रय स्थल यानि की शेड बनाने में आती है जिसके चलते कई किसान पशु शेड नहीं बनवा पाते है। ऐसे किसान अब मनरेगा योजना के तहत पशु शेड बनवा सकते हैं।

इस संबंध में राजस्थान के जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि महात्मा गाँधी नरेगा योजना के अंतर्गत अनुमत कार्यों की श्रेणी ‘बी’ के तहत पशुपालन के लिए बकरी आश्रय, शूकर आश्रय एवं कुक्कुट आश्रय आदि का निर्माण लाभार्थी की निजी भूमि पर कराए जाने का प्रावधान है।

पशुपालन के लिए दिया जाएगा अनुदान

जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा जनजाति वर्ग के पशुपालकों को पशुधन के रख-रखाव हेतु टीन शेड निर्माण के लिये आर्थिक स्वीकृति देने की कोई योजना विभाग में संचालित नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 2024-25 में की गई घोषणा के तहत प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान प्रारम्भ किया जाना प्रस्तावित है। इस योजना के माध्यम से पशुपालन विभाग द्वारा फॉरेस्ट राइट एक्ट के तहत जनजाति वर्ग के पट्टा धारकों को भेड़, बकरी, सूअर एवं मुर्गीपालन विकास के लिए अनुदान दिया जाएगा।

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अभी जनजाति क्षेत्र में अनुदान की योजना नहीं है?

विधायक गोपीचंद मीणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनजाति वर्ग के पशुपालकों को पशुधन खरीदने एवं पशुधन के रख-रखाव हेतु टीन शेड निर्माण के लिये जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा नियम प्रावधान बनाकर आर्थिक स्वीकृति देने की वर्तमान में कोई योजना विभाग में संचालित नहीं है।

उन्होंने बताया कि पशुपालकों को पशुधन खरीदने एवं पशुधन के रख-रखाव हेतु टिन शेड निर्माण कराने हेतु प्रस्ताव पशुपालन विभाग के माध्यम से प्राप्त होने पर उनकी आवश्यकता, बजट की उपलब्धता एवं उपादेयता के आधार पर परीक्षण कर गुणावगुण के आधार पर विचार किया जा सकेगा।

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6 टिप्पणी

    • सर बिहार में पशुपालन के लिए अनुदान हेतु आवेदन होते हैं। इसके साथ ही आप मनरेगा के तहत शेड बनवाने के लिए अपने यहाँ की ग्राम पंचायत में संपर्क करें।

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