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कृषक उपहार योजना के तहत ऑनलाइन लॉटरी में किसानों को मिले 2 लाख 50 हजार रुपए तक के पुरस्कार

कृषि विभाग द्वारा ई-नाम के माध्यम से उपज बेचने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कृषक उपहार योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत 12 मई के दिन राज्य स्तरीय लॉटरी निकाली गई। जिसमें कृषि उपज मण्डी, कोटा से जुड़े किसान गोलू को 2 लाख 50 हजार रुपए का पुरस्कार प्राप्त हुआ।

देश में किसानों के हित में सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिनमें किसानों को कृषि क्षेत्र की नई तकनीकें अपनाने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार दिया जाता है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा राज्य में ई-नाम पोर्टल की मदद से अपनी उपज ऑनलाइन बेचने के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा कृषक उपहार योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत लाभार्थियों का चयन करने के लिए 12 मई के दिन कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव राजन विशाल की अध्यक्षता में कृषि विपणन विभाग द्वारा राज किसान पोर्टल पर राज्य स्तरीय ऑनलाइन लॉटरी निकाली गई। जिसमें किसानों को राज्य स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार देने के लिए चयन किया गया।

इन किसानों को मिले पुरस्कार

ऑनलाइन लॉटरी में कृषक उपहार योजना के तहत पहला पुरस्कार कृषि उपज मण्डी, कोटा से जुड़े किसान गोलू को मिला, किसान को उपहार में 2 लाख 50 हजार रुपए मिलेंगे। वहीं हनुमानगढ़ मण्डी के किसान ओम प्रकाश को 1 लाख 50 हजार रुपए का द्वितीय पुरस्कार एवं कोटा कृषि उपज मंडी मण्डी के किसान रामभरोस को 1 लाख रुपए का तृतीय पुरस्कार मिला। योजना में विजेता किसान को पुरस्कार राशि का भुगतान सम्बन्धित मण्डी समिति से किया जाता है। मण्डी उक्त भुगतान राशि का पुनर्भरण राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड से प्राप्त करती है।

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कृषक उपहार योजना क्या है?  

कृषि विभाग द्वारा कृषि उपज को ई-नाम के माध्यम से बेचने तथा ई-पेमेन्ट के माध्यम से भुगतान प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने एवं किसानों को उनकी उपज का अधिकाधिक लाभ दिलाने के उद्देश्य से कृषक उपहार योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत पुरस्कार मण्डी स्तर पर प्रत्येक 6 महीने में गेट पास की विक्रय पर्चियों तथा ई-पेमेन्ट की विक्रय पर्चियों के आधार पर प्रथम पुरस्कार में 25 हजार, द्वितीय 15 हजार और तृतीय 10 हजार रुपए के ईनाम दिये जाते है।

वहीं खण्ड स्तर पर प्रत्येक 6 महीने में 50 हजार रुपए, 30 हजार रुपए और 20 हजार रुपए क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार के तौर पर दिये जाते हैं। साथ ही राज्य स्तर पर वर्ष में एक बार प्रथम पुरस्कार 2 लाख 50 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार 1 लाख 50 हजार रुपए और तृतीय पुरस्कार 1 लाख रुपए के रूप में दिये जाते है।

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