किसानों और पशुपालकों को पशुपालन में निवेश के लिए आवश्यक पूंजी उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा राज्य में देव ऋण योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत पशुपालकों को पशुपालन के लिए लोन उपलब्ध कराया जाता है। बालोतरा जिला प्रभारी मंत्री जोराराम कुमावत ने गुरूवार को जिले में पशुपालकों के लिए संचालित देव ऋण योजना के लोगों का विमोचन किया।
पशुपालन मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि देव ऋण योजना से पशुपालक सशक्त बनेंगे। पशुपालकों को मिलने वाले ऋण से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। साथ ही रोजगार के नये अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। इस दौरान उन्होंने देव ऋण योजना के लोगों का विमोचन कर लाभार्थियों से संवाद किया।
क्या है देव ऋण योजना का उद्देश्य
देव ऋण योजना का उद्देश्य गरीब, विशेष पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यक पशुपालकों को प्राथमिकता के साथ उनकी जीवन शैली में सुधार, आत्मविश्वास जागृत करने एवं आर्थिक स्वावलम्बन प्रदान करने के साथ बैंकों के प्रति रुझान पैदा करना तथा सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
देव ऋण योजना से मिलने वाले लाभ
- इस योजना के तहत चिन्हित परिवारों को 1,60,000 रूपये प्रति परिवार एक मुश्त ऋण स्वीकृत कर दिलाया जायेगा।
- स्वीकृत ऋण पर 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर देय होगी।
- उक्त योजना के तहत चिन्हित परिवारों को भूमि रहन/ गिरवी नहीं रखनी पड़ेगी अर्थात् बिना भूमि रहन/गिरवी रखे ऋण स्वीकृत किया जायेगा।
- पशुओं का बीमा भी नहीं करवाना है एवं पशुओं के टेग भी नहीं लगवाना है।
- सर्वे अन्तर्गत चिन्हित परिवार जो वर्तमान में केसीसी ऋण प्राप्त कर रहे है वह परिवार भी इस योजना का लाभ उठा सकते है।
पशुपालन मंत्री ने कहा कि देव ऋण योजना से जिसके प्रथम चरण में जिले में पशुपालकों की स्थिति में सुधार होगा। योजना के तहत ऐसे 3011 परिवारों को ऋण योजनान्तर्गत लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिनके पास 50 या इससे अधिक पशु हैं। जिले में नवाचार के तहत 50 या इससे अधिक पशु रखने वाले पशुपालक परिवारों को सर्वे उपरान्त देव ऋण योजना के तहत 1,60,000 रूपये आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है।
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