पशुओं का उपचार एवं टीकाकरण
पशुपालन क्षेत्र में किसानों एवं पशु पालकों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर पशुओं का निःशुल्क टीकाकरण एवं उपचार के लिए अभियान चलाया जाता है | ऐसा ही अभियान राजस्थान राज्य सरकार के द्वारा चलाया जा रहा है | राज्य सरकार की ओर से आमजन के मौके पर ही काम कर राहत देने के लिए चलाए जा रहे ‘प्रशासन गांवों के संग’ अभियान’’ के दौरान आयोजित शिविरों में पशुओं का उपचार एवं टीकाकरण किया जा रहा है । आयोजित शिविरों में पशुपालन विभाग की ओर से अब तक 9 हजार शिविरों में 21 लाख पशुओं का उपचार एवं 30 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया है।
9 हजार से अधिक शिविरों में किया गया पशु उपचार एवं टीकाकरण
पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने बताया कि इन शिविरों के दौरान विभागीय अधिकारी-कर्मचारी दूरदराज के दुर्गम पहाड़ी एवं रेगिस्तानी इलाकों तक पहुंचकर पशुपालकों को सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत राज्यभर में अब तक 9056 शिविरों में 21 लाख 31 हजार पशुओं का आवश्यक उपचार, 29 लाख 9 हजार पशुओं में टीकाकरण एवं 30 लाख 31 हजार पशुओं को कृमिनाशक दवा पिलायी गई है।
इसी तरह 23 लाख 35 हजार पशुओं पर कृमिनाशक दवा का छिड़काव, बांझपन से ग्रसित 1 लाख 12 हजार पशुओं के उपचार के साथ-साथ कृत्रिम गर्भाधान, गर्भ परीक्षण एवं पशुपालन गतिविधियों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के आवेदन पत्र तैयार करवाए गए हैं। इस दौरान आयोजित गोष्ठियों में 8.88 लाख पशुपालकों को लाभान्वित किया गया।
शिविरों में पशुपालकों को दी जाने वाली सुविधाएँ
शिविरों के माध्यम से पशुपालकों को विभागीय कार्यक्रमों एवं योजनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, बधियाकरण, रोगी एवं अस्थाई रूप से बांझ पशुओं का उपचार तथा पशु परजीवी रोगों की रोकथाम के लिए कृमिनाशक दवा दी जा रही है। डेयरी, भेड़-बकरी एवं मुर्गीपालन के लिए पशुपालक किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अल्पकालीन ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए आवेदन पत्र भी तैयार करवाए जा रहे हैं।