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सोमवार, मार्च 17, 2025
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मशरूम उत्पादन के लिए किसानों को दिया गया प्रशिक्षण

पौष्टिकता से भरपूर होने के चलते देश में मशरूम की मांग बढ़ी है, जिसके चलते किसानों और युवाओं का रुझान भी मशरूम की खेती के लिए बढ़ा है। ऐसे में अधिक से अधिक किसान मशरूम उत्पादन कर अपनी आमदनी बढ़ा सकें इसके लिए कृषि विभाग एवं कृषि विश्वविद्यालयों के द्वारा किसानों को मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। इस कड़ी में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान द्वारा राजस्थान के बीकानेर जिले के किसानों को 5 दिनों का प्रशिक्षण दिया गया।

बता दें कि सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान द्वारा किसानों को आत्मनिर्भर बनाने तथा उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए देशभर के किसानों प्रशिक्षण दिया जाता है। विश्वविद्यालय के विस्तार निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने बताया कि यह प्रशिक्षण राजस्थान सरकार के कृषि विभाग की आत्मा स्कीम के तहत विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया।

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कम लागत में भूमिहीन किसान और युवा कर सकते हैं मशरूम का उत्पादन

प्रशिक्षण में बीकानेर जिले के 20 गांव के 36 किसानों ने भाग लिया। मशरूम उत्पादन एक पर्यावरण अनुकूल प्रक्रिया होने के साथ-साथ युवाओं एवं किसानों की आमदनी बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा का एक बेहतर विकल्प है। मशरूम एक व्यवसाय है जिसे भूमिहीन युवा एवं किसान कम लागत से स्वरोजगार के रूप में स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने बताया की मशरूम उत्पादन के अलावा इसके प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धित उत्पाद तैयार करने से भी अच्छी आमदनी प्राप्त की जा सकती है।

संस्थान के सह-निदेशक डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने बताया कि मशरूम एक संतुलित आहार है जिसमें विभिन्न प्रकार के खनिज, विटामिन, अमीनों एसिड्स, प्रोटीन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने के साथ-साथ कई तरह के औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं। मुख्य अतिथि ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए।

प्रशिक्षण में मशरूम उत्पादन को लेकर दी गई यह जानकारी

प्रशिक्षण के संयोजक डॉ. सतीश कुमार मेहता ने बताया कि वर्ष 2023-24 में राजस्थान ने 21 हजार 440 मीट्रिक टन मशरूम उत्पादन करके आठवें स्थान पर रहा। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को बटन, ढींगरी, दूधिया, शीटाके, कीड़ा-जड़ी, गोनोडर्मा मशरूम की उत्पादन विधि, प्रसंस्करण जैसे कैनिंग, आचारीकरण आदि विभिन्न मशरूम उत्पाद का आर्थिक विशेषण, जैविक-अजैविक समस्याओं के अलावा इनकी मार्केटिंग के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई।

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