सरकार ने शुरू की टाल विकास योजना
रबी फसल की बुआई शुरू हो गयी है | इस वर्ष रबी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले वर्ष के मुकाबले ज्यादा मिल रहा है | इसलिए किसानों में उत्साह बना हुआ है | रबी की पैदावार बढ़ाने के लिए सरकार हर सम्भव कोशिश कर रही है | क्योंकि भारत को जितनी दलहन की जरूरत है उतनी पैदावार नहीं हो पाती है | जिसके कारण भारत सरकार को दलहन का आयत करना पड़ता है | इसलिए सरकार ने टाल विकास योजना की शुरुआत की है |
योजना क्षेत्र
बिहार सरकार ने टाल क्षेत्र के 6 जिलों पटना, नालन्दा, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय एवं शेखपुरा के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की है | यह टाल क्षेत्र मुख्यत: मसूर की खेती के लिए प्रसिद्ध है | यह क्षेत्र 137481.96 हेक्टयर में फैला हुआ है | इतने बड़े भू-भाग को ध्यान में रखते हुये बिहार सरकार ने वर्ष 2018 – 19 में टाल विकास योजना कि शुरुआत किया है |
योजना क्या है
इस योजना के लिए बिहार सरकार ने 89,88,444 रुपया आवंटित किया है | टाल क्षेत्र का आकार कटोरीनुमा होने के कारण बाढ़ अथवा वर्षा का पानी इस क्षेत्र से धीरे – धीरे निकल पाता है | साथ ही, इस क्षेत्र के किसानों को सितम्बर – अक्टूबर माह में खरपतवार जैसे मोठा, बड़ी दुधि, छोटी दुधि, हजार, अमरबेल की व्यापक समस्या का सामना करना पड़ता है | इसलिए इन खरपतवारों पर प्रारम्भिक अवस्था में ही नियंत्रण करना अनिवार्य है |
सरकार ने इसके लिए विभिन्न खरपतवारनाशी दवाओं के मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 500 रूपये प्रति हेक्टयर की दर से अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा | इसके अलावा टाल क्षेत्र में दलहनी फसलों में प्राय: उखड़ा रोग एवं जाला कीट, फलीछेदक कीट से किसानों को काफी नुकसान होने की संभावना बनी रहती है , इनके समुचित प्रबंधन के लिए फफूंदनाशी एवं कीटनाशी दवाओं का 50 प्रतिशत अनुदान अधिकतम 500 रूपये प्रति हेक्टयर की दर से कृषकों को उपलब्ध कराया जायेगा | साथ ही इन क्षेत्रों के किसानों को जागरूक करने के लिए पर्याप्त संख्या में कृषक प्रक्षेप पाठशाला का भी आयोजन किया जायेगा | सभी कार्यों में जैविक कीटनाशक के प्रयोग को प्रोत्साहित किया जायेगा |
इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है की सरकार किसानों को लागत कम करना तथा आमदनी बढ़ाना है | जिससे किसान खुशाल रह सके | इसका एक उद्देश यह भी है की दलहन की जरूरत को पूरा किया जा सके|