जैविक खेती पर अनुदान
देश में खेती की लागत को कम करने एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों के द्वारा जैविक खेती पर जोर दिया जा रहा है। इस वर्ष केंद्र एवं अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा इसके लिए बजट में प्रावधान भी किया गया है। राजस्थान में विधान सभा में विधायक श्री हरीश चन्द्र मीना ने राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी माँगी। जिसके जबाब में राज्य के कृषि मंत्री श्री लाल चन्द कटारिया ने जबाब में राज्य में जैविक खेती के लिए चल रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
राजस्थान के कृषि मंत्री के अनुसार राज्य में किसानों को जैविक विधि से कृषि उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दो योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसमें एक केंद्र प्रायोजित योजना “परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई)” वर्ष 2015-16 से एवं दूसरी राज्य प्रायोजित योजना “जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग योजना” का संचालन वर्ष 2019-20 से राज्य मद से किया जा रहा है।
किसानों को जैविक खेती पर कितना अनुदान दिया जाता है?
प्रदेश में जैविक खेती को बढावा देने हेतु सरकार द्वारा परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) का क्रियान्वयन वर्ष 2015-16 से किया जा रहा है, जिसके तहत किसानों को विभिन्न जैविक गतिविधियों यथा- भूमि का जैविक परिवर्तन, परम्परागत जैविक आदान इकाई का निमार्ण, फसल पद्धति एवं जैविक बीज, वर्मीकम्पोस्ट इकाई का निर्माण, जैव उर्वरक/जैव कीटनाशी/वेस्ट डीकम्पोजर, फॉस्फेट रिच आर्गोनिक मैन्योर (प्रौम), कृषक प्रशिक्षण इत्यादि के क्रियान्वयन पर प्रति हैक्टेयर प्रथम वर्ष में 12000/- रूपये, द्वितीय वर्ष में 10000/- रूपये एवं तृतीय वर्ष में 9000/- रूपये की अनुदान/सहायता उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है।
साथ ही जैविक खेती को बढावा देने के लिए राज्य में जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग योजना का संचालन वर्ष 2019-20 से राज्य मद से किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत किसानों को जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग की विभिन्न गतिविधियों/तकनीकी की जानकारी उपलब्ध कराये जाने हेतु आमुखीकरण कार्यशाला, ग्राम पंचायत स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित कराये जाते हैं एवं प्रशिक्षित किसानों को जैविक आदान इकाई के निर्माण हेतु प्रति किसान आदानों की कुल लागत का 75 प्रतिशत अथवा अधिकतम 800/- रूपये की सहायता/अनुदान उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है।