हाईब्रिड बीज मिनी किट वितरण
देश को दलहन-तिलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसके तहत दलहन एवं तिलहन फसलों के उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है | किसानों को इन फसलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा उच्च उत्पादकता वाले बीज मुफ्त में दिए जा रहे हैं | केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा एक विशेष कार्यक्रम के तहत देश के 15 प्रमुख उत्पादक राज्यों के 343 चिन्हित जिलों में निःशुल्क 8,20,600 बीज मिनी किट बांटे जाएंगे। इस कार्यक्रम से बीज प्रतिस्थापन दर में वृद्धि होकर उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ सकेगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
इसकी शुरूआत मध्य प्रदेश के मुरैना व श्योपुर जिले से हुई जहां लगभग दो करोड़ रुपये मूल्य के सरसों बीज मिनी किट वितरण किया गया, केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसकी शुरुआत की | यह कार्यक्रम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम)-ऑयलसीड व ऑयलपाम योजना के अंतर्गत प्रारंभ किया गया है। देश के प्रमुख सरसों उत्पादक राज्यों के लिए सूक्ष्म स्तरीय योजना के बाद इस वर्ष रेपसीड व सरसों कार्यक्रम के बीज मिनी किट वितरण कार्यान्वित करने की मंजूरी दी गई है |
इन राज्यों के किसानों को वितरीत किए जाएंगे बीज मिनी किट
इस कार्यक्रम में सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, असम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के विभिन्न जिलों को शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम के लिए 1066.78 लाख रु.आवंटित किए गए है।
मध्यप्रदेश के मुरैना व श्योपुर, गुजरात के बनासकांठा, हरियाणा के हिसार, राजस्थान के भरतपुर और उत्तर प्रदेश के एटा तथा वाराणसी जिलों को इस वर्ष के दौरान पायलट प्रोजेक्ट के तहत हाइब्रिड बीज मिनीकिट के वितरण के लिए चुना गया है। 5 राज्यों के इन 7 जिलों में कुल 1615 क्विंटल बीज से 1,20,000 बीज मिनी किट तैयार करके वितरण किया जाएगा। हरेक जिले को 15 हजार से 20 हजार बीज मिनी किट दिए जाएंगे।
इन किस्मों के बीज दिए जाएंगे
नियमित कार्यक्रम के अलावा, सरसों की तीन टीएल हाइब्रिड उच्च उपज देने वाली किस्मों को बीज मिनीकिट वितरण के लिए चुना गया है। चयनित किस्में जेके-6502, चैंपियन व डॉन हैं। एचवाईवीकी तुलना में अधिक उपज देने के कारण हाइब्रिड का चयन किया जाता है। बीज मिनीकिट कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च उपज क्षमता व अन्य उपयोगी विशेषताओं वाली नई किस्मों का ध्रुवीकरण करना है। आसपास के जिलों के किसानों को इन किस्मों पर भरोसा होगा, जिसके परिणाम स्वरूप किसान इसे बड़े पैमाने पर अपनाएंगे।