28.6 C
Bhopal
गुरूवार, जुलाई 17, 2025
होमकिसान समाचारखारे पानी को वरदान में बदलने के लिए किसानों को मछली...

खारे पानी को वरदान में बदलने के लिए किसानों को मछली पालन की योजनाओं का दिया जाए लाभ: मत्स्य पालन मंत्री

मत्स्य पालन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों को खारे पानी में झींगा मछली पालन के लिए प्रेरित करें। तालाब बनाकर उसमें ट्यूबवेल से खारा पानी भरा जाए साथ ही किसानों को मछली पालन के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ समय पर दिया जाए।

आज भी कई क्षेत्रों में किसान खारे पानी की समस्या के कारण अच्छे से खेती नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में खारे पानी वाले क्षेत्रों में किसान अधिक से अधिक लाभ ले सकें इसके लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में हरियाणा के कृषि एवं किसान तथा मत्स्य पालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने खारे पानी वाले क्षेत्रों में किसानों को मछली पालन और झींगा पालन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए।

मत्स्य विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मत्स्य पालन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे किसानों को खारा पानी में झींगा मछली पालन के लिए प्रेरित करें, क्योंकि झींगा मछली का उत्पादन खारे पानी में होता है। खारे पानी में कृषि की फसलें न होने के कारण किसान खारे पानी को अभी तक अभिशाप मानते आए हैं। अधिकारी किसानों को इस खारे पानी में झींगा मछली के पालन के लिए प्रेरित करेंगे तो यही अभिशाप माना जाने वाला पानी वरदान साबित हो सकता है।

यह भी पढ़ें:  खरीफ और रबी के नाम में किया जाएगा परिवर्तन, किसानों को बीज देने के साथ होगी मिट्टी की जांच

किसानों को मछली पालन के लिए दी जा रही है सब्सिडी

कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मछली के बीज से लेकर उसकी बिक्री करने तक की प्रक्रिया में उत्पादकों को सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विभाग को अलॉट होने वाले बजट का पूरे वर्ष का एक्शन प्लान बनाएं ताकि मछली पालकों को उनकी सब्सिडी समय पर दी जा सके, साथ ही इससे प्रोजेक्ट निर्धारित अवधि में पूरे होने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि एससी/एसटी तथा महिलाओं को “प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना” के तहत जो 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है, उससे इनके जीवन स्तर में खास प्रभाव पड़ा है।

उन्होंने गहन मत्स्य विकास कार्यक्रम, कृषि मानव संसाधन विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय मत्स्य बीज कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, जलभराव एवं लवणता वाले क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली गतिविधियों, अनुसूचित जाति के परिवारों को मत्स्य के क्षेत्र में दी जाने वाली सब्सिडी तथा अन्य सुविधाओं की समीक्षा करते हुए लक्ष्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला सिरसा, रोहतक, फतेहाबाद और हिसार जिलों में खारे पानी के “जलीय कृषि क्लस्टर परियोजना” की स्थापना की भी समीक्षा की।

यह भी पढ़ें:  मौसम विभाग ने बताया इस साल मानसून सीजन में कैसी होगी बारिश

खारे पानी वाले क्षेत्रों में बनाए तालाब

मत्स्य पालन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कृषि विभाग के साथ मिलकर एक योजना बनाएं जिसमें राज्य के सेमग्रस्त अथवा जलभराव वाले क्षेत्र में तालाब बनाए जाएँ जिससे ट्यूबवेल के माध्यम से इन तालाब में नीचे जमीन का खारा पानी निकालकर भरा जाए। इससे ट्यूबवेल के आस-पास का क्षेत्र सेम मुक्त हो जाएगा और किसानों को झींगा मछली से अच्छी खासी आमदनी भी हो जाएगी।

मत्स्य पालन मंत्री ने विभागीय प्रोजेक्ट्स की समीक्षा करने के बाद अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो प्रोजेक्ट चालू हैं उनके कार्यों में तेजी लाई जाए तथा नए प्रोजेक्ट्स की भी संभावनाएं तलाशी जाएं ताकि किसानों को परम्परागत कृषि की बजाए आधुनिक लाभप्रद कृषि, मत्स्य तथा पशुपालन के क्षेत्र की तरफ प्रोत्साहित किया जाए।

Install APP
Join WhatsApp

Must Read

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News