Monsoon 2024: जून से सितंबर के दौरान वर्षा का पूर्वानुमान
देश के किसानों और आम लोगों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD ने वर्ष 2024 के लिए मानसून का दूसरा पूर्वानुमान जारी कर दिया है। मौसम विभाग ने इस साल देश में मानसून सीजन के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा होने की भविष्यवाणी की है जो इससे पहले अप्रैल महीने में जारी किए गए पूर्वानुमान के मुताबिक़ ही है। मौसम विभाग के अनुसार इस साल पूरे देश में जून से सितंबर महीने के दौरान जमकर बारिश होने की संभावना है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक़ दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दौरान पूरे देश में लंबी अवधि के औसत (एलपीए) का 106 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है, हालांकि इसमें 4 प्रतिशत कम या ज्यादा वर्षा भी हो सकती है। जो कि सामान्य से अधिक वर्षा है। बता दें कि लंबी अवधि के औसत एलपीए 87 सेमी है। यानि की इस वर्ष पूरे देश में 87 सेमी से अधिक वर्षा होने की संभावना है।
देश के अधिकांश हिस्सों में जमकर होगी बारिश
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून में जून से सितंबर, 2024 तक मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक (एलपीए का 106 प्रतिशत), उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य (एलपीए का 92-108%) और पूर्वोत्तर भारत (<एलपीए का 94 प्रतिशत) में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।
मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान में बताया गया है कि इस साल देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है, केवल उत्तर पश्चिम भारत के उत्तरी भाग के कई क्षेत्रों, पूर्वोत्तर भारत और मध्य भारत के पूर्वी भाग और पूर्वी भारत के निकटवर्ती क्षेत्र को छोड़कर, जहां सामान्य से लेकर सामान्य के नीचे बारिश होने की सबसे अधिक संभावना है।
वहीं मौसम विभाग के मुताबिक़ देश के अधिकांश ऐसे क्षेत्र जहां वर्षा आधारित खेती की जाती है ख़ासकर मानसून कोर जोन में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मौसमी वर्षा सामान्य से अधिक जो कि एलपीए का 106 प्रतिशत है, होने की संभावना है।
मानसून 2024 के दौरान किस राज्य में होगी कैसी वर्षा
मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार जैसा कि नीचे चित्र में पीले और नारंगी रंग से दर्शाया गया है, राज्यों में सामान्य या सामान्य से कम वर्षा होगी। इसमें जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल के कुछ क्षेत्र, सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुछ हिस्से शामिल है।
वहीं चित्र में नीले रंगों से दिखाए गए राज्यों जिनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तरी झारखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली आदि राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है।
अल-नीनो हुआ कमजोर
मौसम विभाग की मानें तो इस वर्ष की शुरुआत में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में देखी गई मजबूत अल नीनो स्थितियां तेजी से कमजोर होकर कमजोर अल नीनो स्थितियों में बदल गई हैं और वर्तमान में ईएनएसओ तटस्थ स्थितियों की ओर बढ़ रही हैं। नवीनतम जलवायु मॉडल पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि मॉनसून के मौसम की शुरुआत के दौरान ईएनएसओ-तटस्थ स्थितियां स्थापित होने की संभावना है और मॉनसून के मौसम के बाद के भाग के दौरान ला नीना स्थितियां विकसित होने की संभावना है।
वर्तमान में हिंद महासागर पर तटस्थ हिंद महासागर द्विध्रुव (IOD) स्थितियां व्याप्त हैं। कई वैश्विक जलवायु मॉडलों के नवीनतम पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि मॉनसून के मौसम के दौरान सकारात्मक आईओडी स्थितियां विकसित होने की संभावना है।
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