मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि इस वर्ष पर्याप्त वर्षा एवं अनुकूल मौसम के कारण किसानों के लिए अच्छा रहा है, जिसके फलस्वरूप खरीफ फसल भी अच्छी रही है एवं रबी की बुआई भी तेजी से हो रही है। प्रदेश में कृषि के लिये पर्याप्त मात्रा में विद्युत एवं सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय कारणों से उर्वरक आपूर्ति में चुनौतियों के बाद भी खरीफ में किसानों को पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध कराने के समुचित प्रयास किये गये। किसानों को रबी में निरंतर उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है।
खरीफ सीजन में किसानों ने इतना खरीदा यूरिया, डीएपी और एनपीके खाद
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खरीफ-2024 में 17.58 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ था जो खरीफ-2023 में 15.54 लाख मीट्रिक टन था। इस वर्ष खरीफ में 2.04 लाख मीट्रिक टन यूरिया का अधिक विक्रय हुआ है। खरीफ-2024 में डीएपी और एनपीके 10.47 लाख मीट्रिक टन किसानों को विक्रय किया गया, जो विगत खरीफ-2023 में 10.56 लाख मीट्रिक टन था। इस प्रकार प्रदेश में खरीफ-2024 में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता रही है।
रबी मौसम में किसानों ने इतना खरीदा यूरिया, डीएपी और एनपीके खाद
वहीं राज्य में रबी फसल मौसम में किसानों को कृषि कार्य के लिये पर्याप्त मात्रा में विद्युत एवं सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय कारणों से विशेषकर डीएपी उर्वरक आपूर्ति में चुनौतियों बनी हुई हैं। रबी 2024-25 में 1 अक्टूबर से अभी तक 7.3 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ है, जबकि विगत वर्ष 1 अक्टूबर से 18 नवम्बर 2023 तक 7.4 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ था। रबी 2024-25 में 1 अक्टूबर से अभी तक 6.1 लाख मीट्रिक टन डीएपी और एनपीके का विक्रय हुआ है, जबकि विगत वर्ष 1 अक्टूबर से 18 नवम्बर 2023 तक 6.3 लाख मीट्रिक टन डीएपी और एनपीके का विक्रय हुआ था।
254 अतिरिक्त नगद उर्वरक विक्रय केंद्र स्वीकृत
मार्कफेड के नगद उर्वरक विक्रय केंद्रों पर भीड़ को नियंत्रित करने हेतु 254 अतिरिक्त नगद उर्वरक विक्रय केंद्र स्वीकृत किये गये हैं। कलेक्टर की अनुशंसा पर 160 विक्रय केंद्र प्रारंभ भी किये जा चुके हैं। उर्वरकों के अधिक मूल्य पर विक्रय एवं कालाबाजारी के प्रकरणों पर कार्रवाई करते हुए 40 प्रकरणों में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।
अभी एमपी को प्रतिदिन मिल रहा है इतना डीएपी और एनपीके खाद
अभी मध्यप्रदेश में डीएपी और एनपीके की 31 रैक एवं यूरिया की 20 रैक ट्रांजिट में है। डीएपी और एनपीके प्रतिदिन औसतन 11 हजार 500 मीट्रिक टन एवं यूरिया प्रतिदिन औसतन 16 हजार मीट्रिक टन प्राप्त हो रहे है। रबी 2024-25 के शेष अंतराल के लिये पर्याप्त उर्वरक व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रहा है। इसके लिए केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, दिल्ली से निरंतर समन्वय किया जा रहा है।
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