किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही जल संरक्षण के लिए सरकार द्वारा कई योजना चलाई जा रही है। ऐसी ही एक योजना जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही है। योजना में बेहतर प्रदर्शन करने के चलते बिहार को वर्ष 2024 का वाटर ट्रांसवर्सैलिटी ग्लोबल अवार्ड दिया जाएगा। कृषि विभाग बिहार के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि 06 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में इंडिया वाटर फाउंडेशन संस्थान द्वारा जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के लिए बिहार को “वाटर ट्रांसवर्सैलिटी ग्लोबल अवार्ड, 2024” से सम्मानित किया जाएगा। यह बिहार के लिये गर्व की बात है।
क्या है जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम
सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि बिहार के सभी जिलों के 5-5 गाँव में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम का क्रियान्वयन बोरलॉग इसंटीट्यूट फॉर साऊथ एशिया (बीसा), बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, पटना के सहयोग से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जलवायु अनुकूल प्रोद्योगिकियों का उपयोग कर जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य के छोटे एवं सीमान्त किसानों को सशक्त बनाना है।
जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम में छोटे एवं सीमान्त किसानों को कृषि के क्षेत्र में किये जा रहे नये अनुसंधान तथा तकनीकियों जैसे फसल चक्र में सही फसलों के चुनाव, जीरो टिलेज, रेज्ड बेड विधि, फसल अवशेष प्रबंधन आदि का समावेश करने से न केवल ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम किया गया, बल्कि किसानों की अतिरिक्त आमदनी भी बढ़ गई।
फसल उत्पादकता में हुई 30 प्रतिशत तक की वृद्धि
जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम का क्रियान्वयन सभी 38 जिलों के कुल 190 गाँवों में किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत फसल विविधीकरण गैर चावल-गेहूँ फसलों (मक्का, सरसों, मूंग, मसूर, चना, बाजरा, आदि) के अंतर्गत 30 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र को बढ़ाने में मदद मिली। राज्य में 437 एकड़ में मड़ुआ, कंगनी, सांवा, चीना, बाजरा जैसे मोटे अनाजों की खेती की गई, जिसका 3,260 क्विंटल उत्पादन हुआ है। लैंड लेजर लेवलर के माध्यम से 12,807 एकड़ कृषि भूमि का समतलीकरण कर सिंचाई के लिए जल-क्षमता को बढ़ाया गया, सी.आर.ए. प्रथाओं के परिणामस्वरूप उत्पादकता में 25-30 प्रतिशत की वृद्धि हुई, मृदा स्वास्थ्य में सुधार और पर्यावरणीय पदचिह्न में 25 प्रतिशत की कमी आई। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 4.33 लाख किसानों को प्रशिक्षित किया गया।
वाटर ट्रांसवर्सैलिटी ग्लोबल अवार्ड, 2024 क्या है?
इंडिया वाटर फाउंडेशन द्वारा वाटर ट्राँसवर्सैलिटी ग्लोबल अवार्ड, 2024 प्रदान किया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य जल और संबंधित क्षेत्रों में सभी हितधारकों को प्रोत्साहित करना, समग्र दृष्टिकोण अपनाना और देश में पर्यावरण संरक्षण और प्रबंधन के प्रति तालमेल लाना है। इस पुरस्कार का लक्ष्य बेहतर जल प्रबंधन रणनीतियों की उपलब्धि पर अधिक अंतर-क्षेत्रीय जोर देना है।