फसल नुकसान के लिए मुआवजा
विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के चलते किसानों की फसलों को काफी नुकसान होता है, किसानों को होने वाले इस नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा योजना अनुसार की जाती है। पिछले वर्ष खरीफ सीजन में भारी वर्षा एवं बाढ़ से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ था। जिसको लेकर राजस्थान में चल रहे विधानसभा सत्र में विधायक श्री प्रताप लाल ने वर्ष 2022 में जिला उदयपुर में अतिवृष्टि से हुई बाढ़ से तहसील सलूम्बर एवं झल्लारा में हुए नुकसान को लेकर सवाल पूछा।
प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री श्री गोविन्द राम मेघवाल ने विधानसभा में कहा कि उदयपुर जिले की सलूम्बर तथा झल्लारा तहसील में 33 प्रतिशत से अधिक हुए फसल खराबे में प्रभावित किसानों का डेटा अपलोड करने का काम किया जा रहा है। इसके लिए तहसीलदार को पाबंद किया जा चुका है।
पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है किसानों का डेटा
आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री ने बताया कि खरीफ फसल संवत् 2079 (वर्ष 2022) के तहत उदयपुर की सलूम्बर तथा झल्लारा में 33 प्रतिशत से अधिक हुए फसल खराबे में 52 हजार 631 किसान प्रभावित हुए हैं। जिसके लिए डीएमआईएस पोर्टल खोला जा चुका है तथा इस पोर्टल पर इन प्रभावित किसानों का डेटा अपलोड करने के लिए तहसीलदार को पाबंद किया जा चुका है।
फसल ख़राब होने पर कितना मुआवजा
आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री श्री गोविन्द राम मेघवाल ने एसडीआरएफ नियमों की जानकारी देते हुए बताया कि किसानों को सिंचित एवं असींचित क्षेत्र के लिए अलग-अलग कृषि आदान-अनुदान दिया जाता है। जिसमें यदि किसान के द्वारा बोई गई फसल सिंचित क्षेत्र में है तो उसे 17 हजार रुपए तक तथा असींचित क्षेत्र में है तो 8 हजार 500 रुपए तक का मुआवजा दिया जाता है।
वर्ष 2022 में तहसील सलूम्बर एवं झल्लारा में 33 प्रतिशत एवं इससे अधिक फसल खराबा वाले प्रभावित पात्र कृषकों को एसडीआरएफ नोर्म्स के अनुसार कृषि आदान-अनुदान देय है, जिसके लिए दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके है।