आलू की चिप्स वाली किस्में
आलू की खेती की शुरुआत कहाँ हुई है यह सही–सही बता पाना मुश्किल है लेकिन आलू की उपयोगिता सभी देशों में बड़े पैमाने पर किया जाता है | इसकी खेती 17 वीं शताब्दी से भारत में किया जा रहा है और आज आलू में भारत आत्म निर्भर भी है | आलू की खेती के लिए नई किस्मों का विकास तथा अधिक उत्पादन को बनाये रखने के लिए 1958 से आलू केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान कार्य कर रही है |
अभी तक आलू की 66 किस्में विकसित की जा चूकी है जिसमें 57 किस्मों के कंदों का रंग सफेद या हल्का पिला है | इन 57 किस्मों मे से 8 किस्म ऐसी भी हैं जिनका प्रयोग मुख्य रूप से चिप्स तथा फ्राइज बनाने के लिए किया जाता है | इसी में से चिप्स में उपयोग होने वाले कुछ किस्मों को किसान समाधान लेकर आया है |
कुफरी चिप्सोना – 3
इस किस्म के कंद सफेद क्रीमी, अंडाकार, सतही आँखों वाले तथा गुदा सफेद वाले होते है | फसल 110–120 दिनों में तैयार हो जाती है | इसकी पैदावार लगभग 300 से 350 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक है | यह किस्म पिछेता झुलसा रोग प्रतिरोधी है | इसकी भंडारण क्षमता अच्छी है | इस किस्म के कंदों में अवकारक शकरा 10–100 मि.ग्रा प्रति 100 ग्राम तजा आलू और शुष्क पदार्थ की मात्रा 20 – 30 प्रतिशत तक होती है | इस किस्म के कंद चिप्स बनाने के लिए उपयुक्त है |
कुफरी हिमसोना
इस किस्म के कंद सफेद–क्रीमी, गोला–अंडाकार, सतही आँखों वाले तथा गुदा क्रीमी होता है | फसल 120 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है | यह किस्म देश के पहाड़ी क्षेत्रों में लगभग 15–20 क्विंटल प्रति हैक्टेयर पैदावार देती है | मैदानी क्षेत्रों में इस किस्म से लगभग 300–350 क्विंटल उपज प्राप्त की जा सकती है | इसके कंदों में अवकारक शकरा 10–80 मि.ग्रा. प्रति 100 ग्राम ताजा आलू और शुष्क पदार्थ की मात्रा 21–24 प्रतिशत तक होती है | यह किस्म पिछेती झुलसा रोग की मध्यम प्रतिरोधी है | इसकी भंडारण क्षमता अच्छी है | इस किस्म के कंद चिप्स तथा लच्छा बनाने के लिए उपयुक्त है |
कुफरी चिप्सोना – 4
इस किस्म के कंद सफेद – क्रीमी , गोला – अंडाकार, सतही आँखों वाले तथा गूदा सफेद होता है | फसल 100 – 110 दिनों में तैयार हो जाती है | यह कर्नाटक में खरीफ की फसल के दौरान लगभग 180 – 220 क्विंटल प्रति हैक्टेयर उपज और देश के मैदानी इलाकों में रबी फसल में लगभग 300 – 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उफ देती है | यह अपने गोल – अंडाकार कंद, शुष्क पदार्थ किमात्रा (20 प्रतिशत से अधिक) और कम अवकारक शकरा (40 – 80 मि.ग्रा. प्रति 100 ग्राम ताजा आलू) के कारन चिप्स बनाने के लिए उपयुक्त है | यह कर्नाटक, पश्चिम बंगाल व मध्य प्रदेश के लिए उपयुक्त किस्म है, जहाँ प्रसंस्करण के लिए उच्च कंद उपज और उच्च स्तर की पिछेता झुलसा रोग प्रतिरोधिता के संयोजन की आवश्यकता होती है | अच्छी भंडारण क्षमता से इस किस्म को लंबी अवधि के लिए रखने में मदद मिलती है और इस तरह कच्चे की वर्षभर उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है |
I want to a small machine for cauliflower seed harvest .
Any one suggest me.
Ramesh lodhi
9728387719
दी गई लिंक पर देखें |
https://kisansamadhan.com/cauliflower-varieties-and-cultivation/
Na
जी सर क्या समस्या है ?
Hi
जी सर |