back to top
28.6 C
Bhopal
शनिवार, जनवरी 25, 2025
होमकिसान समाचारमध्य प्रदेशअसिंचित क्षेत्रों में सरसों और तोरिया की बुआई का यह है...

असिंचित क्षेत्रों में सरसों और तोरिया की बुआई का यह है सही समय, किसान इन किस्मों की करें खेती

ऐसे किसान जो इस रबी सीजन में सरसों की खेती करना चाहते हैं और उनके खेतों में सिंचाई की उचित व्यवस्था नहीं है, वे किसान अभी असिंचित सरसों और तोरिया की विभिन्न किस्मों की खेती कर सकते हैं। इस संबंध में एमपी के सीहोर के कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि खरीफ फसल मक्का, मूंग, उड़द व सोयाबीन की जहां कटाई हो रही है, उन क्षेत्रों में खेत की दो से तीन बार हकाई, जुताई कर खेत में पाटा लगाकर नमी को संचित करें। तोरिया व असिंचित सरसों की बुवाई करने का यह उचित समय है।

सरसों (असिंचित) की कम पानी वाली किस्में

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसान इस समय तोरिया और सरसों की उन्नत किस्में जिसमें जवाहर तोरिया-1, राज विजय तोरिया-1, राज विजय तोरिया-2, राज विजय तोरिया-3 और सरसों की उन्नत किस्म जवाहर सरसों-3, राज विजय सरसों-2, पूसा जय किसान, गिरिराज, आरएच-725, आरएच-749 आदि किस्में शामिल हैं, में से किसी भी किस्म का चयन कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें:  अब 90 प्रतिशत अनुदान पर गाय के साथ भैंस भी देगी सरकार

सरसों की खेती के लिए भूमि का चुनाव एवं तैयारी

तोरिया और सरसों के लिए दोमट या बलुई मिट्टी, उचित जल निकास वाली उपयुक्त होती है। अत्यधिक अम्लीय या क्षारीय मिट्टी उपयुक्त नहीं होती। खरीफ फसलों की कटाई के बाद किसान 2 से 3 बार खेत की कल्टीवेटर से जुताई करके खेत में पाटा लगाकर नमी को संचित कर लें। खेत में बड़े-बड़े ढेले नहीं बनने चाहिए।

बीज की मात्रा व बीजों का उपचार

बुवाई के लिए तौरिया के 4 से 5 किलो व सरसों के 5 से 6 किलो बीज की जरूरत होती है। तोरिया व सरसों के बीज को बुवाई के पहले किसान फफूंदनाशक कार्बेंडाजिम + मैन्कोजेब 2 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित अवश्य करें। तोरिया के बुवाई का उपयुक्त समय सितंबर का दूसरा और तीसरा सप्ताह उपयुक्त रहता है। वहीं सरसों की असिंचित अवस्था में बुवाई का उपयुक्त समय 15 सितंबर से अक्टूबर का प्रथम सप्ताह है। किसान तोरिया व सरसों की बुवाई देसी हल या सरिता या सीड ड्रिल से कतार में करें। तोरिया व सरसों की बुवाई कतार से कतार दूरी 30 से 40 सेंटीमीटर व पौध से पौध की दूरी 10 से 12 सेंटीमीटर रखें। बुवाई 2 से 3 सेमी गहराई पर करें।

यह भी पढ़ें:  समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदेगी सरकार, केंद्र ने दी मंजूरी

तोरिया एवं सरसों में कितना खाद डालें

तोरिया की फसल में 60 किलो नाइट्रोजन, 30 किलोग्राम स्फुर, 20 किलोग्राम पोटाश व 20 किलो गंधक का उपयोग करें। असिंचित सरसों में 40 किलो नाइट्रोजन, 20 किलो स्फुर, 10 किलो पोटाश व 15 किलो गंधक का उपयोग करें। असिंचित अवस्था में नत्रजन, स्फुर, पोटाश व सल्फर की पूरी मात्रा का उपयोग फसल की बुवाई के समय करें। वहीं तोरिया व सरसों में खरपतवारों के नियंत्रण के लिए फसल में बुवाई के तुरंत बाद फसल के अंकुरण पूर्व खरपतवारनाशक दवा पेण्डामिथलीन 30 ई.सी. की मात्रा 3.33 लीटर प्रति हेक्टेयर 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

download app button
whatsapp channel follow

Must Read

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News