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पीएम किसान योजना में ऐसे होती है पात्र और अपात्र किसानों की पहचान, अपात्र किसानों से वसूली जाती है राशि

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan) के तहत पात्र और अपात्र किसानों की पहचान के लिए बैंक लिंक्ड आधार कार्ड, लैंड सीडिंग और ई-केवाईसी अनिवार्य किया गया है। वहीं जिन अपात्र किसानों को राशि जारी की गई हैं उनसे अब तक 416 करोड़ रुपये की राशि वसूली गई है।

केंद्र सरकार द्वारा कृषि योग्य भूमि-धारक किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए फरवरी 2019 में “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PMKisan)” शुरू की गई थी। इस योजना के तहत किसानों के आधार कार्ड से जुड़े बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) मोड के माध्यम से तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये की राशि दी जाती है। 25 मार्च के दिन लोकसभा में पूछे गए सवाल का लिखित जवाब देते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि किसान केंद्रित डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से यह सुनिश्चित किया गया है कि बिना किसी बिचौलिए की भागीदारी के यह राशि सीधे सभी पात्र किसानों तक पहुँचे। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बनाये रखते हुए भारत सरकार ने प्रारंभ से अब तक 19 किस्तों में किसानों को 3.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वितरित की गई है। पीएम-किसान योजना की 19वीं किस्त के अंतर्गत 24 फरवरी 2025 के दिन 9.8 करोड़ से अधिक किसानों को 22,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जारी की गई।

सरकार ऐसे करती है पात्र और अपात्र किसानों की पहचान

केंद्रीय कृषि मंत्री ने लोकसभा में योजना की जानकारी देते हुए बताया की योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों की पहचान करने और उनका सत्यापन करने तथा पात्र किसानों का विवरण पीएम-किसान पोर्टल पर अपलोड करने की जिम्मेदारी राज्य और संघ सरकारों की है। पीएम किसान पोर्टल पर राज्यों और संघ क्षेत्रों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर, योजना का लाभ डीबीटी मोड के माध्यम से लाभार्थियों को दिया जा रहा है। यह योजना प्रारंभ में एक ट्रस्ट आधारित प्रणाली पर शुरू हुई थी, जहाँ लाभार्थियों को राज्यों द्वारा स्व-प्रमाणन के आधार पर पंजीकृत किया गया था। प्रारंभ में कुछ राज्यों को आधार सीडिंग में भी छूट दी गई थी।

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बाद में इसके समाधान के लिए PMFS, UIDAI और आयकर विभाग के साथ पीएम-किसान पोर्टल का एकीकरण सहित कई तकनीकी हस्तक्षेप शुरू किए गए। यह सुनिश्चित करने के लिए की योजना का लाभ केवल पात्र लाभार्थियों तक ही पहुंचे, भूमि सीडिंग, आधार संबद्ध भुगतान और ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया गया है। इन अनिवार्य मानदंडों को पूरा नहीं करने वाले किसानों का लाभ रोक दिया जाता है। जैसे ही किसान अपनी अनिवार्य शर्तों को पूरा करते हैं उन्हें योजना का लाभ उनकी सभी देय किस्तों को एक साथ जारी किया जाता है।

अपात्र किसानों से ली गई 416 करोड़ रुपये की राशि

कृषि मंत्री ने बताया कि राज्यों और संघ क्षेत्रों को उच्च आय वर्ग जैसे आयकर दाता, सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी, राज्य और केंद्र सरकार के संवैधानिक पदों को धारण करने वाले व्यक्तियों को चिह्नित कर अपात्र किसानों को जारी की गई किसी भी राशि की वसूली करने का अधिकार भी सरकार के पास है। देश भर में अब तक अपात्र लाभार्थियों से 416 करोड़ रुपये की राशि वसूल की गई है।

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किसानों का इस तरह होता है पंजीयन

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किसानों का पंजीकरण एक सतत प्रक्रिया है, यानि पात्र किसान कभी भी योजना में अपना पंजीयन करा सकते हैं। इसके लिए किसान सीधे पीएम-किसान पोर्टल के माध्यम से स्वयं को ऑनलाइन पंजीकृत कर सकते हैं। ऐसे सभी आवेदनों को संबंधित राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा उचित सत्यापन के बाद अनुमोदित किया जाता है। ऐसे मामलों में जहाँ आवेदक द्वारा आवश्यक दस्तावेज या विवरण प्रदान नहीं किए जाते हैं वहाँ राज्य या संघ क्षेत्रों की सरकार द्वारा आवेदन अस्वीकार किया जा सकता है। राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा अनुमोदन प्राप्त होते ही, विभाग द्वारा तुरंत लाभ वितरण की प्रक्रिया को प्रारंभ कर दिया जाता है और अगली किस्त में उनको जारी किया जाता है।

योजना का लाभ लेने के लिए ई-केवाईसी किया गया अनिवार्य

कृषि मंत्री ने बताया कि योजना में किसानों की पहचान स्थापित करने के लिए आधार एक प्रमुख पैरामीटर है और योजना का लाभ केवल आधार प्रमाणित किसानों को ही अंतरित किया जाता है। वर्तमान में पीएम किसान लाभार्थियों का 100 प्रतिशत डेटाबेस आधार से जुड़ा, प्रमाणित और ई-केवाईसी सत्यापित है। योजना के लाभों का वितरण आधार संबद्ध भुगतान प्रणाली अर्थात् लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक खाते में जारी किया जाता है। योजना के 15वें किस्त चक्र (अगस्त 2023- नवंबर 2023) से योजना के तहत आधार संबद्ध ई-केवाईसी को भी अनिवार्य कर दिया गया है।

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