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कृषि यंत्र मेले में आए यह अनोखे नये यंत्र, किसानों को कृषि यंत्र खरीदने पर मिला 185 लाख रुपये का अनुदान

बिहार राज्य के पटना जिले के गांधी मैदान में इन दिनों कृषि यांत्रिकरण मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में किसानों को कृषि यंत्रों का प्रदर्शन, उनके बारे में तकनीकी जानकारी तथा कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान का लाभ एक साथ मिल रहा है। यह मेला 29 नवम्बर से 02 दिसंबर तक कृषि विभाग, बिहार द्वारा सीआईआई के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। मेले में नये अनोखे प्रकार के कृषि यंत्र भी आए हैं जो किसानों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

इस मेला में कृषि यंत्रों के निर्माताओं एवं विक्रेताओं की व्यावसायिक बैठक (B to B Meet) तथा यंत्र निर्माताओं एवं विभागीय पदाधिकारियों के साथ बैठक (B to G Meet) का आयोजन भी किया गया, जिसमें कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय, पूसा समस्तीपुर तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पटना के वरिष्ठ वैज्ञानिकगण मौजूद थे।

मेले में आये हैं नये और अनोखे कृषि यंत्र

इस मेले में कृषि कार्यों को नये तरीके से करने हेतु उन्नत तकनीक के कई कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया गया है, जो इस प्रकार है:-

सोलर बैट्री चलित स्प्रेयर :

यह मशीन सौर ऊर्जा चलित है एवं कीटनाशक के छिड़काव में प्रयोग किया जाता है। यह 06-12 कतारों में 02 फीट से लेकर 05 फीट ऊँचाई तक आवश्यकतानुसार छिड़काव करती है।

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सुगर केन हार्वेस्टर:

यह यंत्र गन्ना की खेती करने वाले कृषकों के लिए काफी उपयोगी है। यह मशीन गन्ने की हार्वेस्टिंग कर छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर सीधे ट्रैक्टर के ट्रॉली में लोड कर देती है।

तीन पहिये वाला ट्रैक्टर:

यह ट्रैक्टर मेले के अंदर आकर्षण का केन्द्र है। यह ट्रैक्टर 10 एचपी इंजन के साथ पुराने ट्रैक्टर से संबंधित सभी प्रकार के कृषि कार्य करने में सक्षम है। यह जुताई के साथ-साथ बुआई, कटाई एवं माल ढुलाई कार्य के लिए भी उपयुक्त है। छोटे साइज में होने के कारण यह ट्रैक्टर उद्यानिकी फसलों में छोटे खेतों में भी बहुत ही आसानी से कार्य करता है।

मानवचलित प्लांटर:

यह यंत्र पंक्ति में बुआई के लिए काफी उपयुक्त है। इससे मक्का, सोयाबीन, चना, मटर आदि फसलों के बीजों की बुआई की जा सकती है।

ट्रैक्टर चालित मेड़ बनाने की मशीन:

यह यंत्र खेतों के मेड़/आरी काफी आसानी से आवश्यकतानुसार बना देता है।

मेला में 47 हजार से अधिक किसानों ने किया भ्रमण

आज इस मेला में पटना, सारण, सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, सीतामढ़ी, वैशाली एवं शिवहर जिले के 3960 किसानों ने भाग लिया। आज तक इस प्रदर्शनी-सह-मेला में राज्य के 47 हजार से अधिक किसान/आगन्तुक आये। इस मेले में किसी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं है। कोई भी किसान/व्यक्ति स्वेच्छा से इस प्रदर्शनी/मेला में भाग ले सकते हैं।

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कृषि यंत्रों की बिक्री पर दिया गया 185 लाख रुपये का अनुदान

मेले के दूसरे दिन यानि 30 नवम्बर के दिन मेले में 205 कृषि यंत्रों पर सरकार द्वारा 62.807 लाख रुपये का अनुदान दिया गया। इन कृषि यंत्रों का बाजार मूल्य लगभग 1.62 करोड़ रुपये है। इस प्रकार 02 दिनों में कुल 306 कृषि यंत्रों की बिक्री पर कुल 185 लाख रुपये से अधिक का अनुदान दिया गया।

मेले में किसान पाठशाला में प्रतिभागी किसानों को कृषि वैज्ञानिकों एवं विभागीय पदाधिकारियों द्वारा बागवानी में कृषि यंत्रों का परिचालन विधि, रख-रखाव और मरम्मति, दलहनी एवं तेलहनी फसलों की वैज्ञानिक खेती तथा कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण में उपयोग में आने वाली मशीनरी की तकनीकी जानकारी दी गई।

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