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बुधवार, अप्रैल 17, 2024
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पशुपालन के लिए दिए जाने वाले अनुदान में की गई वृद्धि, अब पशुपालन के लिए मिलेगा इतना अनुदान

डेयरी एवं पशुपालन पर दिया जाने वाला अनुदान

ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन एक अच्छी आय के साथ ही रोजगार का भी जरिया है, इसलिए सरकार द्वारा पशु पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप अनुदान दिया जाता है। सरकार पशुपालन क्षेत्र में अधिक से अधिक व्यक्तियों को जोड़ने के लिए कई प्रकार की योजनाएँ चला रही है। इस कड़ी में झारखंड सरकार द्वारा राज्य में ग्रामीण आबादी की आर्थिक स्थिति मज़बूत करने के लिए पशुधन विकास योजना चला रही है। सरकार ने योजना के तहत दिए जाने वाले अनुदान की मात्रा में संशोधन किया है। 

झारखण्ड सरकार ने राज्य में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के सफल संचालन हेतु सब्सिडी की में बढ़ोतरी की है। इसमें मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, मिनी डेयरी की योजना एवं डेयरी विकास के लिए आधुनिक यंत्रों की खरीद पर दी जाने वाली सब्सिडी शामिल है। अब इन योजनाओं के तहत विभिन्न वर्ग के लाभार्थी व्यक्तियों को सरकार 50 से 90 प्रतिशत तक का अनुदान देगी।

पशुधन विकास योजना के तहत दिया जाने वाला अनुदान Subsidy

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने गव्य विकास निदेशालय द्वारा संचालित उपयोजना के तहत लाभुकों को मिलने वाले अनुदान में संशोधन किया गया है। योजना के तहत अब आपदा, आगलगी, सड़क दुर्घटना से प्रभावित परिवार की महिला, परित्यक्त और दिव्यांग महिलाओं को दुधारू गाय या भैंस की खरीद पर दिए जाने वाले अनुदान में वृद्धि कर दी गई है। अब लाभार्थी महिला को 90 प्रतिशत अनुदान पर दो दुधारू गाय या भैंस दिए जाएँगे, इससे पहले लाभार्थी को 50 प्रतिशत अनुदान ही दिया जाता था।

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डेयरी योजना के तहत दिया जाने वाले अनुदान Subsidy

कामधेनु डेयरी फार्मिंग की उपयोजना के तहत मिनी डेयरी के जरिए पाँच दुधारू गाय/भैंस वितरण और मिडी डेयरी के जरिए मिलने वाले दस गाय और भैंस वितरण योजना के लिए अनुसूचित जाती जनजाति के लाभुकों को जहां पहले 33.33 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता था। जिसे अब बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा अन्य वर्ग के लाभुकों को योजना के तहत गाय या भैंस के मिनी डेयरी की लिए लागत का 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाता था, जिसे बढ़ाकर अब 50 प्रतिशत कर दिया गया है।

डेयरी में उपयोग होने वाले आधुनिक कृषि यंत्रों पर दिया जाने वाला अनुदान Subsidy

अभी तक राज्य में लाभार्थियों को हस्त चलित चैफ कटर का वितरण योजना के तहत 50 प्रतिशत के अनुदान पर किया जाता था, इसमें संसोधन करते हुए अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के दुग्ध उत्पादकों को 90 प्रतिशत अनुदान पदिया जायेगा। इसके अलावा अन्य सभी जातियों के लिए 75 प्रतिशत का अनुदान निर्धारित किया गया है।

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वही प्रगतिशील डेयरी कृषकों को सहायता प्रदान करने के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले मल्किंग मशीन, पनीर खोवा मशीन, बोरिंग एवं काऊ मैट के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और दुग्ध उत्पादक समिति को 90 एवं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लाभुकों के अतिरिक्त अन्य सभी जातियों के लिए 75 प्रतिशत अनुदान का उपबंध किया गया है।

अन्य पशुपालन योजना के तहत दिया जाने वाला अनुदान

इसके अलावा पशु पालन निदेशालय द्वारा संचालित योजनाएँ जैसे बकरा पालन, सूकर पालन, बैकयार्ड लेयर, कुक्कुट पालन, बायलर, कुक्कुट पालन और बत्तख चूजा पालन में असहाय विधवा महिला, दिव्यांग, नि:संतान दंपत्ति को छोड़कर अन्य सभी वर्गों को 75 प्रतिशत अनुदान पर योजना का लाभ दिया जाएगा। इससे पूर्व इन कार्यों के लिए लाभार्थी को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई थी।

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