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शनिवार, जनवरी 25, 2025
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उड़द की क़ीमतों में आई गिरावट, ऐसे में अब किसान क्या करें?

दालों की अधिक क़ीमत से परेशान आम लोगों के लिए राहत भरी खबर आई है। उड़द की क़ीमतों में कमी आ गई है, साथ ही इस साल खरीफ सीजन में उड़द के बुआई रकबे में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ऐसे में आने वाले दिनों में उड़द के भाव में और कमी आ सकती है। इस बीच उड़द उत्पादक किसानों को चिंता सताने लगी है। ऐसे में किसानों को उड़द के अच्छे भाव मिल सके इसके लिए सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर उड़द की खरीद करेगी।

06 जुलाई, 2024 तक इंदौर और दिल्ली के बाजारों में उड़द की थोक कीमतों में क्रमशः 3.12 प्रतिशत और 1.08 प्रतिशत की सप्ताह-दर-सप्ताह गिरावट आई है। घरेलू कीमतों के अनुरूप, आयातित उड़द की कीमतों में भी गिरावट का रुख है। ऐसे में किसानों को उड़द का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए प्रमुख सरकारी एजेंसी नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से खरीफ फसलों की बुआई से पहले ही किसानों के पंजीकरण शुरू कर दिये गये हैं। बता दें कि इस साल केंद्र सरकार ने उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

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उड़द के बुआई रकबे में हुई वृद्धि

इस बार समय से मानसून सीजन के दौरान देशभर में अच्छी बारिश हुई है। जिसका असर विभिन्न फसलों के बुआई रकबे पर पड़ा है। ऐसी संभावना है कि अच्छी बारिश के कारण मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उड़द उत्पादक राज्यों में अच्छी उपज होगी। 05 जुलाई 2024 तक उड़द की बुवाई का रकबा 5.37 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 3.67 लाख हेक्टेयर था। 90 दिनों में उपज देने वाली इस फसल से इस साल खरीफ के मौसम में अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद है।

समर्थन मूल्य पर उड़द बेचने के लिए शुरू हुए किसान पंजीयन

खरीफ की बुआई के मौसम से पहले ही नैफेड और एनसीसीएफ जैसी सरकारी एजेंसियों की ओर से किए जाने वाले किसानों के पूर्व-पंजीकरण में उल्लेखनीय तेजी आई है। अकेले मध्य प्रदेश में, उड़द उगाने वाले कुल 8,487 किसान पहले ही एनसीसीएफ और नैफेड के माध्यम से पंजीकरण करा चुके हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य प्रमुख उड़द उत्पादक राज्यों में क्रमशः 2037, 1611 और 1663 किसानों का पूर्व-पंजीकरण हुआ है। ऐसे में किसान जो इस खरीफ सीजन में उड़द की खेती कर रहे हैं वे किसान पंजीकरण कराकर उड़द की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकते हैं जो इस बार 7400 रुपये प्रति क्विंटल है।

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